गांधी की हत्या, उसके कारण, साजिश और 'विकृत मानसिकता' के उभार को अपनी हालिया किताब 'उसने गांधी को क्यों मारा ' में लेखक अशोक कुमार पांडेय ने प्रमाणिक स्त्रोतों के जरिए दर्ज किया है.
धवल कुलकर्णी की किताब ‘ठाकरे भाऊ’ में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के राजनीतिक जीवन और उनके राजनीतिक दलों की विकास-यात्रा का व्यापक सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण किया गया है.
'अमेरिका 2020- एक बंटा हुआ देश' दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र होने की दावेदारी करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का आंखों-देखा हाल बयां करने वाली किताब है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी वेब सीरीज 'तांडव' में हिंदू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाने संबंधी शिकायतों का संज्ञान लिया है और अमेजन प्राइम वीडियो से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है.
‘द डिसिडेंट’ में खाशोगी की हत्या से संबंधित ऑडियो रिकॉर्डिंग, खशोगी की मंगेतर हैटिस सेनगीज की भागीदारी और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के सेलफोन को हैक करने समेत सऊदी अरब की भूमिका का भी जिक्र किया गया है.
तमाशा मराठी की एक अद्भुत लोक नाट्य विधा है जिसे कोरोना के समय भी जिंदा रहना चाहिए. लेकिन, जमीनी कलाकारों को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के लिए कहीं कोई कुछ खास कोशिश नहीं हो रही है.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.