मंगलवार को हुआ संविधान क्लब का चुनाव ‘ठाकुर बनाम बाकी’ की बीजेपी अंदरूनी जंग का अंत नहीं है. अगला लोकसभा चुनाव आने से पहले जातिगत जनगणना के नतीजों का इंतज़ार कीजिए.
तुर्की और मिस्र की तरह, पाकिस्तान भी उन चुनिंदा देशों में है जिनके पास खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा में मदद करने के लिए जनशक्ति और ढांचा मौजूद है, खासकर जब ट्रंप का अमेरिका अपनी सैन्य मौजूदगी कम कर रहा है.
अगर कांग्रेस साझा नेतृत्व और ज़मीनी संघर्ष को प्राथमिकता दे, तो INDIA गठबंधन अब भी भाजपा-आरएसएस की सत्ता-प्रधान राजनीति के खिलाफ लोकतंत्र का सबसे मज़बूत प्रहरी बन सकता है.
2024 लोकसभा चुनाव हारने के बाद राजनीतिक सुर्खियों से दूर, स्मृति ईरानी अब शांत लेकिन व्यस्त जीवन जी रही हैं. मनोरंजन, राजनीति, शिक्षा—तीनों में उनका बराबर दखल है.
अरावली के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाने का अभियान इस साल जून में शुरू हुआ. इसके साथ ही, दिल्ली-एनसीआर की मशहूर फार्महाउस संस्कृति भी तेज़ी से खत्म हो रही है. अभी आगे और भी काम बाकी है.
प्राडा अब महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास स्थित हुपरी के चांदी की पायल बनाने वाले कारीगरों के साथ साझेदारी पर ‘विचार’ कर रहा है. चांदी के दाम बढ़ने और पायल के फैशन से बाहर होने के बीच, कारीगर उम्मीद कर रहे हैं कि यह फैशन रैंप के जरिए दोबारा लोकप्रिय हो सकेगी.
बिहार के पास ऐसी उपजाऊ ज़मीन है जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा क्रांतियों को जन्म देने वाली रही है. इसके बावजूद बिहार इतना पीछे क्यों रह गया? राजनीति का स्थायी जुनून ही उसके विनाश की मूल वजह है.