एनडीए से कई सहयोगी दल बिछड़ चुके हैं और जो दल गठबंधन में हैं वे साथ बने रहने के लिए बहुत निष्ठुर होकर सौदेबाजी कर रहे हैं. बीजेपी सहयोगी दलों की मांग मानने को मजबूर हो रही है.
अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा नेतृत्व को सलाह दी है कि 'वे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ताजा हार से सबक लें और कार्यप्रणाली में सुधार करें.
भाजपा 11 और 12 जनवरी को दो दिनों का एक आयोजन करने जा रही है, जिसमें पार्टी के बड़े नेता लगभग 15 हजार जनप्रतिनिधियों और जमीनीं कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगे.
बिहार के पास ऐसी उपजाऊ ज़मीन है जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा क्रांतियों को जन्म देने वाली रही है. इसके बावजूद बिहार इतना पीछे क्यों रह गया? राजनीति का स्थायी जुनून ही उसके विनाश की मूल वजह है.