अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों की आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी ने भी निंदा की, इसने एक बयान जारी कर इस सारे आंदोलन को एक 'राजनीतिक साजिश' बताया.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि एमवीए सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे कहा था कि शिवसेना के कुछ विधायक और एकनाथ शिंदे उनकी 'पहुंच से बाहर' हो गए हैं.
फारूख अब्दुल्ला, शरद पवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के मना करने के बाद सिन्हा पर विपक्षी पार्टियों ने दांव लगाया है जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण राजनीतिक हलकों में उनकी 'ईमानदार छवि' रही है.
गांधी ने आगे कहा कि, 'नौकरी के इतने विकल्पों और अग्निवीरों की इतनी मांग जब देश के सरकारी और गैर सरकारी जगहों पर है तो अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं का आंदोलन तत्काल खत्म हो जाना चाहिए था.
महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, एक दर्जन से अधिक शिवसेना विधायकों के साथ गुजरात चले गए. उनका यह कदम शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का संकेत देता है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'हमने (विपक्षी दलों ने) सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे.'
शरद पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'साथियों से बात करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ. ढाई साल में तीसरी बार एमवीए सरकार को गिराने की कोशिश की गई. हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है.
महाराष्ट्र में विधान परिषद की 10 सीटों के लिए सोमवार को मतदान हुआ. शिवसेना और राकांपा के दो-दो उम्मीदवार जीते, जबकि कांग्रेस अपने दो उम्मीदवारों में से केवल एक के लिए जीत सुनिश्चित कर सकी.
मेरा आकलन यह है कि भारतीय सेना उभरती टेक्नोलॉजी को पूर्ण परिवर्तन की खातिर नहीं बल्कि चरणबद्ध बदलाव के लिए अपना रही है, जबकि पूर्ण परिवर्तन वक़्त की मांग है
तिरुवनंतपुरम, छह अक्टूबर (भाषा) प्रसिद्ध लेखक अशोकन चेरुविल को उनके उपन्यास “कट्टूरकाडावु” के लिए प्रतिष्ठित वायलार पुरस्कार के लिए चुना गया है। प्रसिद्ध कवि...