जीडीपी के इन शानदार आंकड़ों ने निराशावादी आर्थिक विशेषज्ञों की भविष्यवाणी की धज्जियां उड़ा दी. इनमें रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी थे जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि अगर यह 5 फीसदी की दर से भी बढ़ जाये तो भाग्यशाली होगा.
साल 2024 का बुनियादी व्याकरण बताना कठिन नहीं. बीजेपी की ताकत और कमजोरी, संभावना और आशंका सब ही की धुरी नरेन्द्र मोदी हैं. और, विपक्ष के लिए संभावनाएं आर्थिक मोर्चे पर दिख रही हैं वहीं विपक्ष को सबसे बड़ा खतरा राजनीति के मोर्चे पर है.
क्षेत्रीय अखंडता को विकास, नागरिक बुनियादी ढांचे, बस्तियों और पर्यटकों के आने से सबसे अच्छी तरह से सुरक्षित किया जा सकता है. चीन एक दशक से इस नीति का पालन कर रहा है.
भाजपा सांसद के खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं जिनमें टाडा, यूपी का गुंडा एक्ट के माले भी शामिल हैं लेकिन उन्हें कोई सजा नहीं हुई, और अब वे महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप झेल रहे हैं.
ताजा तिमाही तक कृषि सेक्टर मैनुफैक्चरिंग से आकार में 25 फीसदी बड़ा हो गया, जो चिंता का कारण होना चाहिए क्योंकि सरकार ने जब ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाया तब इसका मकसद ठीक उलटा था
उत्तर-पूर्व के किसी छोटे राज्य में आप तीन काम करने से परहेज ही करेंगे— स्थानीय नेताओं को कमजोर बताने से, ‘बांटो और राज करो’ की नीति से, और जातीय पहचानों को होमोजिनाइजेशन (एक जैसा बनाने या एक-दूसरे में मिलाने) से.
मोदी की मौजूदगी बाकी तमाम मुद्दों को एक किनारे सरका कर लोगों के दिमाग पर छा जाने के मामले में अब नाकाफी है. साधारण राजनीति वापिस आ रही है और लंबे वक्त से दबे चले आ रहे मुद्दे अब सिर उठा रहे हैं.