यह कहानी है कि कैसे नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी, जसवंत सिंह और अविश्वसनीय रूप से मुलायम सिंह की बुद्धिमत्ता के बिना भारतीय वायु सेना का सुखोई-30 हासिल करने का सपना उड़ान भरने से पहले ही ध्वस्त हो गया होता।
दुलत जब आईबी में थे, तब उन्होंने कश्मीर में काम किया था और फारूक अब्दुल्ला के साथ उनके करीबी संबंध थे. तब से दिल्ली ने गुप्त वार्ता के लिए उनका इस्तेमाल किया है.