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Wednesday, 5 February, 2025
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जब मोदी पहुंचे दावोस : भारत की तरक्की की कहानी सिर्फ बातों तक सीमित

दावोस में भारतीय सत्र के दौरान हॉल जब तक केवल भारतीयों से भरा रहेगा, तब तक दावोस में भारत आपस में एक-दूसरे की तारीफ करने वालों का ही क्लब बना रहेगा.

“पद्मावत” के विरोध में हो रहा पागलपन ठीक वैसा ही जैसा कुरान की आलोचना पर

यह बहुत ही दुखद बात है कि हिन्दू कट्टरपंथी भी मुस्लिम कट्टरपंथियों के समान व्यवहार कर रहे हैं. लेकिन फिर कट्टरपंथी तो कट्टरपंथी ही...

नेहरू नहीं चाहते थे राजेंद्र बाबू राष्ट्रपति बनें, उनकी पसंद थे सी. राजगोपालाचारी

लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल के हस्तक्षेप के बाद नेहरू को मानना पड़ा. पटेल को डर था कि कहीं राजेंद्र बाबू राजाजी की खातिर चुनाव से हटने को राजी न हो जाएं.

मुकेश अंबानी ने कम समय में ही दिलायी जियो को अपार सफलता लेकिन…

टेलिकॉम व्यवसाय में कदम रखकर मुकेश अंबानी ने जनता को लाभ तो खूब पहुंचाया मगर इस उद्योग में स्वस्थ वातावरण भी उतना ही जरूरी...

दावोस में अपने पहले भाषण में मोदी ने इशारे से चीन और ट्रम्प पर साधा निशाना

दावोस के भाषण में मोदी द्वारा डेटा को वैश्विक शक्ति की एक नई करेंसी बताना एक प्रमुख मुद्दा था और ऐसा करने वाले यह शायद पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

फतवे और धर्मग्रंथ सिर्फ संग्रहालय में होने चाहिए, जिंदगी के रोज-रोज के मामलों में नहीं

उदारवादियों की तरह मैं यह नहीं कहती कि फतवा गैर-इस्लामी चीज है. हकीकत तो यही है कि अब तक जो भी फतवे जारी किए...

पद्मावती जैसी वीरकथाओं के बिना, हम राजपूत एक बुद्धिमानी-रहित हारे लोगों का समूह भर रह जाएंगे

राजपूतों की शौर्य गाथाएं उनकी हार को भी स्वीकार्य दिखाती हैं और जब उनकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाए जाते हैं तो लगता है कि उनके जीवन के सबसे सुनहरे दिन बीते चुके हैं।

111 साल बेमिसाल: इतने सालों में पद्मावती पर तमाम कहानियाँ पर कोई विवाद नहीं, लेकिन अब?

1906 से, रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी को विभिन्न रूपों के माध्यम से कई बार दर्शाया गया है और वो भी लोगों के किसी उग्र विरोध के बिना.

तोगड़िया ने किया संघ में दरार का पर्दाफाश, मोदी और शाह को बहुत- बहुत धन्यवाद!

एक परस्पर-विध्वंसी संघर्ष जिसका अब खुलासा हुआ ह. जब भी लोकसभा चुनावों का आयोजन होगा इस प्रकार के विवाद सामने आएंगे.

समलैंगिकों के सपनों का आशियाना जो बना हकीकत

मानवेंद्र सिंह गोहिल के परिवार वालों ने विंडसर पैलेस जैसा महल बनाया जिसे अब वे LGBTQA सेंटर में तब्दील कर रहे हैं.

मत-विमत

मिडिल-क्लास को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बजट मिला है, मोदी उनकी नब्ज़ जानते हैं

केंद्रीय बजट 2025-26 के स्पष्ट लक्ष्य हैं: विकास को गति देना, भारत के उभरते मिडिल-क्लास की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना, प्राइवेट सेक्टर के निवेश को बढ़ावा देना और घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाना.

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एलआईसी को 105 करोड़ रुपये का जीएसटी मांग नोटिस मिला

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बुधवार को कहा कि उसे सात वित्त वर्षों के लिए माल एवं सेवा...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.