‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ का विचार लगभग तीन दशकों से भारतीय राजनीति पर छाया हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ के जुमले को किसी ने अभी तक परिभाषित नहीं किया है.
मोदी ने लाल किले से धार्मिक झगड़ों को दरकिनार कर विकास के पथ पर बढ़ने का आह्वान किया था, लेकिन आज विकास की राजनीति मंदिर और मूर्ति के पीछे छुपती दिख रही है.
मोदी-भाजपा गलियों और सड़कों से संकेत ग्रहण करते हैं और उसी मिजाज के संदेश देते हैं. इसने कांग्रेस को उलझन में डाल दिया है और भाजपा विरोधी कुलीन तबके को अलग-थलग कर दिया है.
बाढ़ के कारण दशकों के सबसे मुश्किल दौर में, पंजाब को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी आएंगे. अगर उनके पास बिहार दौरे का समय है, तो पड़ोसी पंजाब का एक छोटा सा दौरा क्यों नहीं?