डब्ल्यूटीओ की सीमाएं हैं लेकिन यह अपने आप कार्य नहीं कर सकता, इसे सदस्य राष्ट्रों की पहल की प्रतीक्षा करनी होती है. सवाल यह भी उठता है की WTO क्या कर रहा है
राहुल गांधी का मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग को बुलाने का स्वागत है लेकिन चुनावी रणनीति के संदर्भ में उनकी इस पहल की स्पष्टता और 2019 के अजेंडे के बोध में कमी थी
एर्दोआन की सोच अब तुर्की की सीमाओं से बाहर भी साफ़ तौर पर दिखने लगी है. सीरिया की नई सरकार ने शरिया को अपने क़ानूनों की बुनियाद बना लिया है, ठीक वैसे ही जैसे एर्दोआन अपने देश में चाहते हैं.