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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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मत-विमत

रविदास मार्च से चंद्रशेखर आज़ाद के रूप में बहुजन आंदोलन को अपना नया नेता मिल गया है

उत्तर प्रदेश में नए ज़माने के रॉबिनहुड बीआर आंबेडकर के मूल सिद्धांत ‘शिक्षित करो, संगठित करो, आंदोलित करो’ पर आधारित सामाजिक आंदोलन चला रहे हैं.

क्या धर्मांतरण कानून बनाने से जबरन धर्म परिवर्तन पर अंकुश लग सकेगा

धर्मान्तरण की शिकार महिलाओं के हितों की रक्षा जरूरी है, बीवी को तलाक दिये बगैर शादी के लिये इस्लाम धर्म अपनाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई आवश्यक.

सवर्ण करें दलित-पिछड़ों के महापुरुषों का सम्मान वरना बढ़ेंगी दूरियां

रविदास मन्दिर में यदि सभी हिन्दू जातियों के लोग जाते और मानते और खंडन होने पर सबकी प्रतिक्रिया भी होती तो यह मामला एक जाति विशेष का न होता.

मोदी 2.0 को यूपीए और अपने पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को हुई क्षति ठीक करनी चाहिए

कठिन वृद्धि दरों को हासिल करने पर ज़ोर देना पिछली भूलों को और गहरा ही करेगा. भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा गर्त से निकलने के उपायों पर गंभीरता से सोचना होगा.

राष्ट्र निर्माण की दिशा में अहम पड़ाव है मंडल कमीशन, लेकिन मुल्क में अभी न्याय पर आस्था भारी है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में पिछड़ों के लिए आरक्षण को दोगुना कर और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ऐसा ही करके बीजेपी की कमंडलवादी सियासत को टक्कर देने की कोशिश की है.

मंडल कमीशन की सिर्फ 2 सिफारिशें लागू, जानिए बाकी के बारे में

मंडल कमीशन के चेयरमैन बी.पी. मंडल की जयंती पर आइए जानते हैं कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कौन सी सिफारिशें की थीं और उनमें से कितने पर अमल हुआ

हिम्मती, यारों के यार, दिलदार और एसडी बर्मन के मुरीद-ऐसे थे दोस्त अरुण जेटली

आपने सबसे घातक बीमारी से लड़ाई को हल्के में लेते हुए केवल फिल्मों में देखा होगा, जैसे ‘आनन्द’ में राजेश खन्ना को. असली ज़िंदगी में ऐसे लोग कम ही मिलेंगे जो ऐसे क्रूर झटके को चेहरे पर मुस्कान के साथ झेलते मिलेंगे.

कश्मीर को लेकर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के 5 मुगालते, जिन्हें तोड़ना जरूरी है

ये ऐसे भ्रम हैं जो तथ्यों और तर्कों के आगे टिक नहीं सकते. कश्मीरियों का दिल जीतना है तो बहुलतावादी सोच पर अमल करना ही सबसे बेहतर रास्ता है

मुसलमान औरतों को क्या सचमुच किसी रक्षक की जरूरत है?

पिछले कुछ सालों से दक्षिणपंथी, रूढ़िवादी और प्रतिक्रियावादी ताकतों के हौसले बुलंद है. औरतों की आर्थिक स्वतंत्रता, उनकी सेक्सुअल आजादी, अपने जीवन साथी को खुद चुनने के विकल्प पर प्रहार किए जा रहे हैं.

भारत के आर्थिक संकट का मूल कारण केवल एक है, प्रधानमंत्री मोदी का कमज़ोर नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी गलतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते.

मत-विमत

मंत्रियों की ज़िम्मेवारी तय करना PM मोदी का स्टाइल नहीं, लेकिन उन्हें अब ऐसा क्यों करना चाहिए

देखा जाए तो अमित शाह ही जम्मू-कश्मीर को चला रहे हैं, लेकिन उनसे सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेही मांगना अनुचित होगा क्योंकि उन्हें देश भर के हर चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करनी है.

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कश्मीर के लोग अब हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे: सज्जाद लोन

जम्मू, 28 अप्रैल (भाषा) पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोमवार को कहा कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए बर्बर हमले...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.