जिसका नेता पाकिस्तान को मदीना जैसा कल्याणकारी राज्य बनाना चाहता हो, मेरी समझ से उस पार्टी का प्रधानमंत्री के प्लेबॉय अतीत पर आनंदित होना थोड़ा विरोधाभासी है.
कांग्रेस की राजनीतिक परिस्थिति इस समय सबसे ज्यादा विकट है प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अशोक तंवर के द्वारा बीजेपी सरकार को हर मोर्चे पर पिछले 5 सालों में घेरकर रखना का प्रयास किया.
अभिजीत बनर्जी और उनके दोस्तों ने अर्थशास्त्र को लोगों से असल जिंदगी में जोड़ने का काम किया है. ये लोग वहां पहुंचते हैं जहां नीतियां जमीन से जुड़ती हैं, लोगों पर असर डालती हैं.
मुस्लिम नेताओं ने संविधान सभा में मांग की थी कि गोवध पर पाबंदी लगा दी जाए, वरना हिंसा का खतरा बना रहेगा. आजम खान भी चाहते हैं कि गोवध पर रोक लगे. लेकिन सरकार न तब सहमत थी, न अब है.
भारतीय रेल का करोड़ों लोगों को ‘पीठ पर लादकर’ दिनों-रात का ये सफर तब ही जारी रह सका, जब कई पीढ़ियों के करोड़ों लोगों का खून-पसीना इसमें शरीक हुआ, जिन्होंने इस सफर के लिए जान भी दी और सैनिकों की तरह मोर्चा संभाले रहे.
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ का अयोध्या स्थित 2.77 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को लेकर सुनाया जाने वाला फैसला ऐतिहासिक होगा जो देश की राजनीति को एक नया मोड़ दे सकता है.
हर साल दो करोड़ नौकरियां मुहैया कराने के वादे पर आई सरकार इस दिशा में कुछ न कर पाने, बल्कि लाखों लोगों के रोजगार चले जाने के बावजूद फिर सत्ता में आ गई.
दूसरे चरण के चुनाव में BJP के भाग्य का फैसला बहुत कुछ कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र में सीटों के लिए हुई चुनावी लड़ाई के नतीजों पर निर्भर है. पिछली बार बीजेपी ने इन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार उसे तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.