बहरहाल, समझने की नीयत हो तो यह समझना भी जरूरी है कि महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री में इतनी ही समानता नहीं है कि अलग-अलग शताब्दियों, जगहों व परिस्थितियों में दोनों एक ही तिथि 2 अक्टूबर को पैदा हुए. उनके नैतिक आग्रह भी लगभग एक जैसे थे.
कांग्रेस के पास मौका है कि वह भाजपा सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों और श्रम कानूनों पर अपना रुख साफ करे. मोदी सरकार द्वारा सरकारी संपत्तियों की बिक्री पर स्पष्ट रुख अपनाए.
बलात्कार, पुरुषों की यौन इच्छा या फिर औरत ने क्या पहना था या वो क्या कर रही थी के बारे में नहीं है. बलात्कार हमेशा अपनी ताकत, वर्चस्व और नियंत्रण दिखाने के बारे में है. हमारे देश के संदर्भ में ये जाति में भी तब्दील हो जाता है.
राष्ट्रपति पद के लिए 2012 के ओबामा-मिट रोमनी मुकाबले में भारतीय अमेरिकियों के वोट पर उतना ध्यान नहीं दिया गया था, और ओबामा ने नौकरियों को ‘बफेलो से बैंगलोर’ भेजने के लिए रोमनी पर निरंतर हमले किए थे.
यूडीआईएसई (शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली) की 2017-18 की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण भारत में केवल 28.7 प्रतिशत स्कूलों और शहरी भारत में 41.9 प्रतिशत स्कूलों के पास ही उपयोग में लाने योग्य कंप्यूटर सुविधाएं थीं.
बिहार में चुनावीमहाभारत का सियासी पर्दा भले ही उठ गया है, मगर कई अहम सवालों के जवाब अनुत्तरित रहने के कारण चुनाव नतीजे का ऊंट इस बार किस करवट बैठेगा. 10 नवंबर तक इंतजार करना होगा.
तलाक-ए-हसन को अक्सर “बेहतर” तरीका कहा जाता है क्योंकि यह प्रक्रिया तीन महीने तक चलती है, लेकिन यह न्यायसंगत नहीं है. भारत में यह अभी भी एकतरफा और न्यायिक व्यवस्था से बाहर चलने वाली प्रक्रिया है.