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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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मत-विमत

इंडियन यूनिवर्सिटीज की फैकल्टी में लगभग हर किसी का प्रमोशन हो जाता है, 1970 में ये नुकसान डीयू ने शुरू किया

आज, दिल्ली यूनिवर्सिटी तमाम विश्व रैंकिंग्स में कहीं नीचे की तरफ खिसकी नज़र आती है और देशभर की दूसरी तमाम यूनिवर्सिटीज़ का भी यही हाल है लेकिन एक रास्ता निकल सकता है.

सरकार के पसंदीदा उपाय- बांध और तटबंध फेल हो चुके, अब बाढ़ से तालाब और पोखर ही बचा सकते हैं

केंद्रीय जल आयोग ने जून के पहले हफ्ते में एक डाटा के अनुसार देश के 123 बांधों या जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले 10 सालों के औसत का 165 फीसद पानी संग्रहित है.

आरक्षण के जनक ही नहीं, आदर्श दार्शनिक राजा थे शाहूजी महाराज

शाहूजी महाराज ने न्याय एवं समता की स्थापना के लिए जो कदम उठाए, उसमें बहुत सारे कदम ऐसे हैं जिन्हें उठाने में आजाद भारत की सरकारों को दशकों लग गए और कुछ कदम तो अब तक नहीं उठाए गए हैं.

भूमि पूजन को अनुच्छेद 370 खत्म करने से जोड़ने का क्या तुक, अयोध्या किसी तारीख को पकड़कर नहीं बैठती

‘जीवन से मोक्ष’ की चाह लेकर आये श्रद्धालुओं को ‘मोक्ष से जीवन’ की ओर घुमाने का द्रविड़ प्राणायाम करने वाले अयोध्यावासियों का मनोविज्ञान कुछ ऐसा ही है.

अशोक गहलोत अपने नए अवतार में चार दशकों की अपनी राजनीति के खातिर कुछ भी कर सकते हैं

राजस्थान के मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के अनुसार नई आक्रामकता उनके स्वभाव से मेल नहीं खाती. पर एक युवा कांग्रेसी नेता द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद अपनी राजनीति के प्रति अशोक गहलोत की प्रतिबद्धता और बढ़ गई है.

ये एक डर्टी पिक्चर है- सुशांत सिंह राजपूत की मौत से बॉलीवुड की सच्चाई एक बार फिर सामने आयी

‘बाहर वालों’ के प्रति बॉलीवुड इतना बेरहम इसलिए है कि वहां जारी क्रूर प्रतियोगिता के खेल में न कोई अंपायर है, न कोई चेतावनी की सीटी बजाने वाला है, न कोई बीच-बचाव करके सुलह कराने वाला है.

पीएम मोदी को समझना होगा कि भारत को मजबूत देश होने की जरूरत है, सिर्फ मजबूत सरकार नहीं

मजबूत सरकार ही नहीं, मजबूत देश भी चाहिए. इसके लिए मोदी सरकार को अपना नज़रिया बदलन होगा और अलग तौर-तरीका अपनाना होगा

असहमति की आवाज़ बेहद जरूरी लेकिन इसकी सीमा भी निर्धारित की जानी चाहिए

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में चल रहे राजनीतिक घमासान और पार्टी के बागी विधायकों के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने जोर देकर कहा है, ‘लोकतंत्र में असहमति के स्वर दबाए नहीं जा सकते.’

बर्तन धोने से पहले जो दिल बैठ जाता है, भूलिए उसे अब डिशवॉशर इससे आपको निजात दिलाने आ गया है

महामारी हमें जीवन में एक बेहतर संतुलन पर पहुंचने के मौक़े दे रही है. डिशवॉशर्स और दूसरे बहुत से घरेलू उपकरण लोगों को ज़्यादा प्रोडक्टिव बना रहे हैं.

ऊंची मुद्रास्फीति का मतलब ये नहीं है, कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ब्याज दरें बढ़ा दे

सप्लाई चेन्स के धीरे धीरे फिर से शुरू होने के साथ ही, मुद्रास्फीति घट सकती है. लॉकडाउन से भी आंकड़े सीमित हो गए हैं, इसलिए दरें बदलने से पहले, एमपीसी को इंतज़ार करना चाहिए.

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धार्मिक स्वायत्तता भी सीमित है, पटना के इमारत-ए-शरीयत के विरोध में हाशिए पर रहे पसमांदा मुसलमान

संविधान सिर्फ किसी समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता या सामूहिक धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए ही नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के मूल अधिकारों की भी सुरक्षा करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो.

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जीटीआरआई ने अमेरिका से आनुवंशिक रूप से संशोधित कृषि उत्पादों के आयात के प्रति आगाह किया

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने शनिवार को आगाह किया कि प्रस्तावित व्यापार समझौते के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.