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बुधवार, 7 मई, 2025
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अब चीन, पाकिस्तान और भारत का भी भला इसी में है कि वो उस फैंटसी को छोड़ दें जिसे मोदी विस्तारवाद कहते हैं

भारत हो या चीन या पाकिस्तान, सब एक-दूसरे की ज़मीन पर दावे करते रहे हैं लेकिन हकीकत यही है कि वे एक-दूसरे को तबाह किए बिना अपने दावे पूरे नहीं कर सकते.

स्वामी विवेकानंद के लिए शिक्षा कोई नौकरी पाने का साधन नहीं था, वो शिक्षा को ‘मनुष्य निर्माण’ का भाग मानते थे

'भारत का भविष्य' नामक अपने व्याख्यान में वो कहते हैं- 'शिक्षा का मतलब यह नहीं है की तुम्हारे दिमाग में ऐसी बहुत सी बातें इस तरह ठूस दी जाये कि अंतर्द्वंद होने लगे और तुम्हारा दिमाग उन्हें जीवन भर पचा न सके.

मोदी सरकार को चीन की कार्रवाई पर स्पष्ट रूप से बताना चाहिए, भारत को सूचना युद्ध भी जीतने की जरूरत है

जो हुआ है उसे स्वीकार करने में मोदी सरकार को झिझक नहीं होनी चाहिए. चीन के मुकाबले के लिए एक रणनीतिक संचार योजना की ज़रूरत है जोकि अपने कथानक को आगे बढ़ाता जा रहा है.

हुर्रियत पर मोदी सरकार के लगाम कसने से गिलानी इसे छोड़ने पर हुए मजबूर, भले ही वो इसका दोष पाकिस्तान पर लगाएं

इस बात की संभावना है कि पाकिस्तान आईएसआई, हुर्रियत में लीडरशिप के खालीपन को संगठन पर कब्ज़ा करने और आतंकी मॉड्यूल्स को फिर से एकजुट करने के अवसर के तौर पर देखेगी.

चीन पर मोदी सरकार की चुप्पी से सैटेलाइट वॉरियर्स को खुली छूट मिली, नुकसान भारत के लिए पछताने वाले साबित होंगे

एलएसी पर गतिरोध लंबा खिंचा तो सैटेलाइट वॉरियर्स अपने आकलनों में सही साबित होंगे और मोदी सरकार की चुप्पी को समझौता करने या मामला छिपाने के तौर पर देखा जाएगा.

एपीएमसी कानूनों ने किसानों के हाथ बांध रखे थे, मोदी सरकार के अध्यादेश ने उन्हें दूसरे क्षेत्रों जैसी आजादी दी

कृषि बाज़ारों के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने के वास्ते सरकार ने जो तीन अध्यादेश लागू किए हैं उनमें तीसरा अध्यादेश निर्दिष्ट कृषि मंडियों...

नामदेव: सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने और समानता का गीत गाने वाला संत

भजन गाते थे, और उन पर नाचते भी थे. इनकी रचनाओं को अभंग कहा जाता है. इनके गानों में ईश्वर के प्रति अगाध श्रद्धा होती है. ईश्वर के अतिरिक्त ये हर किसी को ठुकराते हैं, जाति व्यवस्था को नहीं मानते.

टिकटॉक ने लाखों गरीब भारतीयों के जीवन को बदल दिया, वे न्यू इंडिया के एकलव्य बन गए थे

टिकटॉक ने भारतीयों के लिए आंकक्षाओं से भरे आसमान में एक छोटी सी खिड़की का काम किया.

चीन के खिलाफ भारत के पास दो ही विकल्प बचे हैं- सीमित युद्ध या वुहान भावना पर चलना

सैनिक कार्रवाई करके चीन ने भारत के लिए चारा डाला है. इसका तुरंत और भावुक जवाब देना भारत की रणनीतिक मूर्खता होगी. अनिश्चित काल तक यथास्थिति बनाए रखकर, भारत चीन को अपना जवाबी चारा डाल सकता है.

आतंक पर पाक के खिलाफ भारत का रवैया रक्षात्मक रहा है पर चीन के साथ ऐसी रणनीति नहीं चलेगी

भारत को दीर्घावधि में चीन से युद्ध से बचने की कीमत चुकानी पड़ेगी. एलएसी पर चीन की आक्रामकता भविष्य में भी कायम रहेगी.

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नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने अपनी बहू और नाबालिग बेटी से बलात्कार के आरोप में 51-वर्षीय एक व्यक्ति को नयी दिल्ली...

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