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Saturday, 22 November, 2025
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कोरोना का असर कम हो रहा है, मोदी सरकार अर्थव्यवस्था दुरुस्त करने में जुटी है- क्या ये शुरुआत का अंत है

अर्थव्यवस्था का सिकुड़ना तब तक नहीं रुकेगा जब तक न्यूनतम स्तर पर हो रहा बदलाव बड़े स्तर पर परिलक्षित नहीं होने लगता. कोविड से पहले वाली स्थिति 2022 से पहले नहीं वापस आ सकेगी. फिर भी जुलाई-सितंबर के लिए कॉर्पोरेट नतीजे पिछली तिमाही के मुकाबले निश्चित ही सुधार दिखाएंगे. 

अर्णब के रिपब्लिक बनाम दूसरे चैनलों की लड़ाई में कैसे मीडिया खुद अपनी ‘कब्र’ खोद रहा है

खुद से ही लड़ता, कमजोर पड़ चुका मीडिया किसी भी सत्तातंत्र के लिए उसके मामले में दखल देने की आदर्श स्थिति बना देता है. हमारे पेशे की बागडोर थामने वालों ने आत्मघाती कदम उठा लिया है.

सीमा रेखा पर चीन के दावों पर भारत का जवाब भी 1959 में ही छुपा हुआ है

परी कथाओं की तरह ड्रैगन का जीवन भी सिर्फ जलाकर रख देने वाली उसकी अग्नि शक्ति नहीं है. उसकी भी कुछ कमजोरियां हो सकती हैं या वह भी बाकी सब की तरह ही हो सकता है.

‘गूंजे धरती आसमान, रामविलास पासवान’- लोगों के बीच कैसी यादें छोड़ गया है बिहार का लाल

रामविलास पासवान कुल 9 बार लोकसभा का चुनाव जीते (8 बार हाजीपुर से, 1 बार रोसड़ा से). उन्होंने लोकसभा का कुल 13 चुनाव लड़ा, हाजीपुर से कुल 10 बार लड़े जिसमें 8 बार जीते.

सबसे अधिक सुखी मुसलमान भारत देश के ही हैं: संघ प्रमुख मोहन भागवत

हिंदी मासिक 'विवेक' के साथ साक्षात्कार में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हमारे यहां सभी पंथों के साथ समान व्यवहार किया गया है जबकि पाकिस्तान ने अन्य मतावलंबियों को वे अधिकार नहीं दिए.

चीन से समझौता कीजिए लेकिन LAC पर तनाव घटाने के लिए सिर्फ ऐसा किया जाता है तो ये भारी भूल होगी

कमज़ोर अर्थव्यवस्था के बावजूद राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए. विश्वास के उस स्तर को फिर से हासिल करना जो भारत-चीन रिश्तों को स्थिर कर सके और सैन्य तनावों को रोक सके, असंभव तो नहीं लेकिन मुश्किल ज़रूर है.

आखिर क्यों आज के भारत में कांशीराम के राजनीतिक रणनीति की जरूरत है

कांशीराम ने जनता की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डालने के लिए जन संसद की अवधारणा पर बल दिया था और तमाम जन संसद आयोजित भी कराया था.

दलितों के मुद्दों पर अगर रामविलास पासवान, मीरा कुमार और मायावती के बीच संवाद नहीं हुआ तो उसका कारण बिजनौर का चुनाव था

जीवन में बाद के वर्षों में पासवान भले ही आरएसएस-भाजपा के साथ मिलकर सामाजिक न्याय विरोधी तमाम बड़े-बड़े कार्यों में सहभागी रहे हों लेकिन उनकी मूल रूप से छवि सामाजिक न्याय के योद्धा की ही रही.

चीन ने एलएसी की घड़ी 1959 की तरफ घुमा दी है, भारत के लिए अक्साई चिन वापस लेना मुश्किल हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रिय भी हैं और राजनीतिक कौशल भी रखते हैं लेकिन क्या वे देश को अरुचिकर रणनीतिक फैसले के बारे में कायल कर सकते हैं?

पाकिस्तान में ‘मोदी का जो यार है, वो गद्दार है’ के नारे की धूम

यदि ‘गद्दार’ और ‘भारतीय एजेंट’ के सर्टिफिकेट इसी उत्साह से बांटे जाते रहे, तो वो दिन दूर नहीं जब भारतीयों की आबादी करीब 22 करोड़ बढ़ जाएगी.

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एक पसमांदा मुस्लिम महिला होने के नाते, मुझे दुख है भारत को तलाक-ए-हसन पर सवाल उठाने में 70 साल लगे

तलाक-ए-हसन को अक्सर “बेहतर” तरीका कहा जाता है क्योंकि यह प्रक्रिया तीन महीने तक चलती है, लेकिन यह न्यायसंगत नहीं है. भारत में यह अभी भी एकतरफा और न्यायिक व्यवस्था से बाहर चलने वाली प्रक्रिया है.

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मऊ में पुल से टकराने के बाद कार नाले में गिरी, युवक की मौत

मऊ (उप्र), 22 नवंबर (भाषा) मऊ जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र में एक अनियंत्रित कार पुल से टकराने के बाद नाले में गिर गई...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.