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Friday, 21 November, 2025
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मत-विमत

भारतीय उदारवादियों के पास RSS के अपने ब्रांड हिंदुत्व संवैधानिकता से मुकाबले की कोई रणनीति नहीं

हिंदुत्व के उदारवादी विरोधियों को अभी तक हिंदुत्व संवैधानिकता के राजनीतिक प्रभाव का एहसास नहीं हुआ है. वे अब तक भारतीय संविधान को एक स्व-व्याख्यात्मक राजनीतिक पाठ मानते हैं.

समस्या दिवाली पर पटाखे फोड़ने की नहीं, बल्कि इसे एक राष्ट्रीय और नैतिक मुद्दा बनाने की है

लागू नहीं किए जा सकने वाले आदेश, पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध और एक मॉडल के रूप में दिल्ली का इस्तेमाल, ये उपाय न तो दिवाली के समय, न उससे पहले और न उसके बाद कारगर साबित होते हैं.

मोदी की BJP और राहुल की कांग्रेस में एक समानता है- दोनों अपने सहयोगियों को विमुख कर रहीं

कांग्रेस अपने सहयोगी को तात्कालिक नुक़सान पहुंचा रही है, जबकि उन्हें लंबे समय के लिए काट रही है.

भारत की हिंदी पट्टी की सियासत में दक्षिण से आ रही एक चुनौती असदुद्दीन ओवैसी के रूप में

‘हैदराबाद के मोहल्ले के नेता’ को, अब ‘लगभग किंग-मेकर’ कहा जा रहा है. उसे हल्के में लेना विपक्ष को ही भारी पड़ेगा.

BJP स्थानीय मुद्दों के ऊपर वैचारिक मुद्दों को प्रमुखता देकर राज्यों में जीत हासिल करती है, बिहार इसका ताजा उदाहरण है

राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने भाजपा से वैचारिक संघर्ष से परहेज कर बिहार चुनाव के पहले चरण में करीब 70 प्रतिशत सीटों पर कब्जा किया. लेकिन तीसरे चरण में बाजी पलट गई.

नीतीश कुमार की धार कुंद जरूर पड़ी है लेकिन BJP को अभी से ही जश्न नहीं मनाना चाहिए

मोदी और अमित शाह से लेकर खुली जीप में सवार होकर आए जेपी नड्डा तक सभी पिछले सप्ताह बिहार में जीत का जश्न मनाने के लिए भाजपा मुख्यालय पहुंचे थे. क्या जदयू की बजाये भाजपा का वर्चस्व कायम होने का समय आ गया है?

सेविंग्स, प्रोफिट और स्टॉक्स ज्यादा समय तक नहीं चढ़ सकते, उम्मीद की जानी चाहिए कि बदलाव की रफ्तार धीमी होगी

फिलहाल तो ऐसा लगता है कि हर कोई नकदी बचा कर रखना चाहता है जबकि सरकार उधार को एक सीमा में रखने की कोशिश कर रही है लेकिन यह सूरत भी बदलेगी. 

महात्मा गांधी के प्रिय विनोबा भावे जिन्होंने शोषण मुक्त समाज व्यवस्था का सपना देखा और ‘जय जगत’ का नारा दिया

जीवन भर विवादों से दूर रहने वाले विनोबा के जीवन की एकमात्र विडंबना यह है कि उन्होंने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा नागरिकों की स्वतंत्रता का अपहरण कर देश पर थोपी गयी इमरजेंसी को ‘अनुशासन पर्व’ बताया था.

चीन पर मोदी ने कैसे ‘नेहरू जैसी’ आधी गलती की और सेना में निवेश को नज़रअंदाज किया

मोदी यह मान बैठे कि चीन अपने आर्थिक हितों को दांव पर लगाकर हमारे लिए सैन्य चुनौती बनने की कोशिश नहीं करेगा, इसलिए प्रतिरक्षा पर खर्चे फिलहाल टाले जा सकते हैं. मोदी यहीं पर नेहरू की भूल के मुकाबले आधी भूल कर बैठे. 

सादगी ही अयोध्या की दिवाली की खूबसूरती रही है, अब तो बाजार के जगमग में खो रहे मूल्य

आज की तारीख में दीपावली का रूप-रंग कुछ इस तरह बदल गया है कि वह महज बाजार की उन शक्तियों का त्यौहार नजर आती है, जो शुभ-लाभ से जुड़ी देसी व्यावसायिक नैतिकताओं से परे पूंजी को ब्रह्म और मुनाफे को मोक्ष बना डालने पर आमादा हैं.

मत-विमत

भारत का विपक्ष बीजेपी से कम, खुद से ज़्यादा लड़ रहा है

बिहार के चुनाव नतीजों ने ऐसा पल बनाया है जो सिर्फ BJP ने क्या हासिल किया इस पर नहीं, बल्कि विपक्ष ने क्या खो दिया इस पर भी है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री ने 142 गांवों और शहरों के विकास के लिए 71 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए

धुरी (संगरूर), 20 नवंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी बरसी को समर्पित पहल के तहत 142...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.