रक्षा और सुरक्षा फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद माइक पोम्पियो का मालदीव में दूतावास खोलने का ऐलान, 2013 के बाद से भारत की नीति में एक बड़ा बदलाव है.
देश के 25 उच्च न्यायालयों में वर्तमान रिक्तियों की स्थिति देखने पर पता चलता है कि इनमें कुल 1,079 जजों के पद स्वीकृत हैं, जिसमें 404 पद (लगभग 37.44 प्रतिशत) खाली है.
चीनी के नेताओं ने ऐसे वक्त में घरेलू मांग और खपत को बढ़ाने की रणनीति पर जोर दिया है, जब ग्लोबल अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और ग्लोबलाइजेशन का जलवा खत्म हो रहा है. यह बिल्कुल सही टाइमिंग है. सही वक्त पर सही जगह चोट करना ही चीनी नेतृत्व को कामयाब बना रहा है.
एनडीए ने तो पहले 10 लाख सरकारी नौकरियों के मुद्दे को हवा में उड़ान की कोशिश की, और सफलता न मिलने पर, निर्मला सीतारमण से बिहारियों को फ्री वैक्सीन का लालच दिखाया और तब भी बात नहीं बनी तो फिर उसे खुद ही 19 लाख नौकरियां देने का वादा करना पड़ा.
भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी जब 1990 में रथ यात्रा के दौरान अपने घोड़े को सरपट भगा रहे थे, तो मुख्यमंत्री के रूप में लालू ने ही उन्हें बिहार में प्रवेश के खिलाफ ललकारने का साहस दिखाया था.
भारत में मुख्यधारा का मीडिया आरएसएस की आलोचना और मखौल बनाने का आदी रहा है. लेकिन अब यह संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों को पहले पेज की खबर के तौर पर प्रकाशित कर रहा है.
वैक्सीन संबंधी किसी भी नीति का राजनीतिकरण होना ही है, क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य एक राजनीतिक मसला है. लेकिन जब तक वैज्ञानिक प्रक्रिया की उपेक्षा नहीं होती, तब तक टीकाकरण का राजनीतिकरण बुरी बात भी नहीं है.
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा विरोध दर्ज करने से ज्यादा-से-ज्यादा यह मकसद सध सकता है कि भारत अपना दावा बनाए रख सकता है. कोई और मकसद सधेगा, इसकी उम्मीद रखना बेमानी है.