स्काई एयर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है. सरकार राजमार्ग और सड़कों से जुड़ी सभी चीजों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करवाएगी.
'बिल्डिंग सिस्टम्स दैट चैलेंज नेचुरल लिविंग सिस्टम्स' (ऐसी प्रणालियों का निर्माण जो जीवन जीने की प्राकृतिक प्रणाली को चुनौती देता हो) - यही वह आदर्श वाक्य है जिसके तहत यहां के शोधकर्ता उन अत्याधुनिक आविष्कारों का ढेर लगा रहे हैं जो न सिर्फ कई मुख्य समस्याओं को हल करते हैं और चीजों की लागत को कम करते हैं, बल्कि अक्सर सरकार की नीतियों को चुनौती भी देते हैं.
बोल्ट्जमान मेडल पाने वाले पहले भारतीय दीपक धर ने स्टैटिस्टिकल मैकेनिक्स के अपने दृष्टिकोण को कला के बराबर बताया और कहा कि 'इस विचार का प्रचार करना गलत है कि हर किसी को सिर्फ एप्लाइड वर्क पर ही काम करना चाहिए.'
8वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने 2023 में अंतरिक्ष एजेंसी के मिशन के बारे में बात की. इसमें नासा के साथ सहयोग शामिल है.
सरकार का कहना है कि बुधवार को दिल्ली में आयोजित होने वाले पहले वार्षिक स्टैक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान अन्य देशों और स्टार्टअप्स को डिजिटल सार्वजनिक सेवाएं ऑफर की जाएंगी.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ऑनलाइन गेमिंग नियमों के मसौदे ने महिला गेमर्स की सुरक्षा के बारे में बातचीत शुरू कर दी है, जो कहती हैं कि सिर्फ केवाईसी ही नहीं, मॉडरेशन और बिना नाम के खातों का मुकाबला करने की भी जरूरत है.
विश्लेषकों का कहना है कि 5जी फोन आम लोगों की पहुंच से दूर होने का कारण मैक्रोइकोनॉमिक्स स्थितियां और फोन निर्माताओं की खराब मार्केटिंग रही है. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भुगतना पड़ रहा है.
साल 2023 में एपल ‘एपल ग्लासेज’ के साथ वीआर/एआर के दायरे में कदम रखेगी. गूगल फोल्डेबल फोन के क्षेत्र में कदम रखेगी, तो सैमसंग इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए दोहरी कोशिश करेगी
कुछ को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह ‘भारत के लिए अच्छा बैकअप’ है. सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण के मुताबिक, पार्टियां अपनी मूल भाषा में व्यापक जनाधार के बीच पैठ बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती हैं.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.