दोनों देश जिस तरह से एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं इससे एक अघोषित युद्ध जैसा माहौल खड़ा हो रहा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर जेनेवा कन्वेंशन ट्रेंड कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने जैश के एक ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया था क्योंकि हमारे पास इस बात के सबूत थे कि जैश भारत पर और हमला करने वाला था.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सर्वदलीय बैठक के बाद बताया कि सभी दलों ने एक साथ सुरक्षा बलों की प्रशंसा की है और सरकार के आतंक विरोधी ऑपरेशन का समर्थन किया.
10 दिसंबर 1998 को, हाजीपुर के तत्कालीन सांसद लोकसभा में कहा था, 'अगर हम 'अल्पसंख्यक' शब्द की सही व्याख्या करना सीख लें, तो हममें यह भावना विकसित हो जाएगी कि हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका खून भी हमारे ही जैसा है.'