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Monday, 22 December, 2025
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मोदी सरकार के ‘ब्याज पर ब्याज’ माफ करने का दीवाली उपहार भारत के ‘क्रेडिट कल्चर’ के लिए अच्छी खबर क्यों है

इस छूट का लाभ सबको देने का मोदी सरकार का फैसला सबको नैतिक असमंजस से मुक्त करेगा, अगर यह चुनिंदा लोगों के लिए होता तो इससे ऋण संस्कृति को चोट पहुंचती.

आइएमएफ का मूल्यांकन करने वाले चाहते हैं कि भारत की तर्ज पर पूंजी नियंत्रण दुनियाभर में अपनाया जाये

कैपिटल कंट्रोल वित्तीय स्थिरता के लिए चाहे ज़रूरी हो, पर भारत का अनुभव दिखाता है कि आईएमएफ को अपना ध्यान पारदर्शिता के मापदंड और कानून के राज पर देना चाहिए.

बैंकों को भी राहत चाहिए, केवल कर्ज लेने वालों का भला करते रहने से आगे क्रेडिट ग्रोथ पर बुरा असर पड़ेगा

कर्ज के भुगतान पर रोक खत्म होने के साथ सरकार को इस बड़े सवाल का जवाब ढूंढ़ना पड़ेगा कि भुगतान में कोताही करने वाले ‘डिफॉल्टरों’ का वह क्या इलाज करेगी.

RBI को ब्याज दरों में कमी का फायदा उपभोक्ता तक पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए, उसके बिना इंट्रेस्ट रेट में कटौती बेमानी है

रिज़र्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती के फायदों के हस्तांतरण की व्यवस्था सुधारने की दिशा में काम करना चाहिए, उससे कहीं अधिक जितना कि मुद्रास्फीति का लक्ष्य निर्धारित करने की प्रणाली लागू किए जाने के पहले चार वर्षों में किया गया है.

वास्तविक सुधारों के लिए PSU बैंकों का प्रभुत्व खत्म होना चाहिए, उनमें फिर से पैसा डालने से बात नहीं बनेगी

बेजान कंपनियों को और अशक्त बैंकों को थोड़ी और अवधि के लिए उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए यदि ऐसा करने से व्यापक सुधारों की भूमिका बनती हो, ताकि भारत 1980 के दशक वाली विफल वित्तीय प्रणाली से छुटकारा पा सके.

प्याज के निर्यात पर रोक समस्या का हल नहीं, ये किसानों को नुकसान पहुंचाने के साथ बतौर निर्यातक भारत की छवि खराब करेगा

भारी बारिश और फसल की बर्बादी के कारण बढ़ा प्याज का दाम कोविड-19 के चलते घटी आमदनी से पहले से ही परेशान उपभोक्ताओं को और रुला सकता है. 

केंद्र-राज्य के बीच जारी जीएसटी विवाद से ज्यादा जरूरी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और उधार की व्यवस्था बनाना है

जीएसटी से आय में कमी की भरपाई के लिए चाहे जो भी उधार लेगा, सरकार पर सामान्य कर्ज का बोझ बढ़ने ही वाला है इसलिए उधार लेने की एक व्यवस्थित योजना बनाने की जरूरत है. 

भारत का वित्त संकट टैक्स रेवेन्यू के 12.5 प्रतिशत गिरने से और बढ़ेगा

जीएसटी से इस साल अगस्त में जो राजस्व आया वह पिछले साल अगस्त में आए इस राजस्व से 12 फीसदी कम रहा, अब अर्थव्यवस्था कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद सुधार की ओर रेंगती हुई बढ़ रही है.

वित्तीय हालत बिगड़ रही- Fiscal Deficit के लक्ष्यों को छोड़ ‘अर्थशास्त्र’ को पारदर्शी बनाए सरकार

इस साल के बजट में वित्तीय घाटा जीडीपी के 3.5 प्रतिशत के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया था मगर कोरोना महामारी और लॉकडाउन के प्रभावों के चलते यह संभव नहीं दिख रहा है.

डिजिटल हेल्थ मिशन मरीजों के हित में है मगर भारत में डेटा की गोपनीयता का कानून न होना इसमें एक अड़चन है

मरीज अगर अपना इलाज एक जगह छोड़कर दूसरी जगह कराना चाहें तो उन्हें तमाम तरह के कागजात साथ रखने पड़ते हैं, लेकिन डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत उनकी सेहत से संबंधित जानकारियों का डिजिटल रेकॉर्ड रखा जाएगा.

मत-विमत

MGNREGA को रद्द करने के पीछे सुधार नहीं, राज्यों से पैसे वसूलने की मंशा है

‘वीबी-जी-राम-जी’ कानून के बारे में यह दावा गलत है कि यह रोजगार की गारंटी देता है. यह केवल केंद्र सरकार के इस अधिकार की गारंटी देता है कि वह इसे केवल अधिसूचित क्षेत्रों में आंशिक रूप से लागू कर सकती है.

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इन आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि अरावली क्षेत्र में खनन गतिविधियां बेहद सीमित इलाके में ही अनुमति होंगी.

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.