एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिप्रिंट से कहा है कि 137 करोड़ की आबादी में अगर 5 फीसदी लोगों का भी कोरोना संक्रमण टेस्ट करें तो 7 करोड़ टेस्ट किट लगेंगे इतने तो पूरी दुनिया के पास भी नहीं हैं.
आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त एनआईवी आलप्पुषा द्वारा किए गए टेस्ट में ये बात निकलकर सामने आई है कि चित्रा जीनलैंप-एन का टेस्ट 100 प्रतिशत सही नतीजे देता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'फिलहाल हमें एक करोड़ के करीब टैबलेट की जरूरत होगी उससे तीन गुना से ज़्यादा टैबलेट देश के पास मौजूद हैं.'
दिल्ली के सभी सरकारी विभागों की सैलरी के अलावा सभी ख़र्च रोके दिए गए हैं. कोरोना और लॉकडाउन के अलावा कोई भी खर्च सिर्फ़ वित्त विभाग की अनुमति से ही होगा.
एम्स में किडनी के मरीज़ों का इलाज करने वाले डॉक्टर संजय अग्रवाल का कहना है कि जिनके पास हॉस्पिटल कार्ड है उन्हें पुलिस नहीं रोकती और ना ही बस वाले लाने से मना करते हैं.