केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘सत्येंद्र दिल्ली के लोगों के लिए लगातार काम करते रहे हैं. भगवान (उनके पिता की) आत्मा को शांति दे. परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.’
मृत्यु दर को नीचे लाने से लेकर, ऑक्सीजन तथा दवाओं के तर्कसंगत उपयोग तक, ये 11 डॉक्टर पिछले एक साल से, कोविड को मात देने की कोशिश में, महाराष्ट्र सरकार की सहायता कर रहे हैं.
दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, और पंजाब समेत कुछ राज्यों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त खुराक नहीं हैं जिससे वे 18 से 44 आयु वर्ग के लिये टीकाकरण अभियान शुरू कर पाएं.
नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमेटी के मौजूदा अनुमान बताते हैं कि अगले सप्ताह के शुरू में दूसरी कोविड लहर के चार लाख मामलों के आसपास पीक पर पहुंचने की अपेक्षा है, जिसमें 20,000 मामले कम या ज़्यादा हो सकते हैं.
पिछली टीम में सिर्फ सिविल सर्वेंट्स थे. नई टीम में, सभी नौ सदस्यों को राज्य में महामारी से निपटने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं और इसमें मंत्रियों को भी शामिल किया गया है.
मोदी की मौजूदगी बाकी तमाम मुद्दों को एक किनारे सरका कर लोगों के दिमाग पर छा जाने के मामले में अब नाकाफी है. साधारण राजनीति वापिस आ रही है और लंबे वक्त से दबे चले आ रहे मुद्दे अब सिर उठा रहे हैं.