एसओपी में ये बच्चों की मर्ज़ी पर छोड़ा गया है कि वो स्कूल लौटना चाहते हैं या नहीं. सभी स्कूलों से खास तौर पर ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग जारी रखने और इसे बढ़ावा देने को कहा गया है.
जेएनयू छात्र संघ उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि जेएनयू वीसी को नीट-जेईई के छात्रों की परीक्षा की चिंता तो है लेकिन उन्हें अपने ही रिसर्च स्कॉलरों की चिंता नहीं है.
सरकार छात्रों की चिंताओं के बावजूद नीट-जेईई कराने जा रही है लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने उम्मीदवारों को आश्वस्त किया है कि कोविड के मद्देनज़र सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठाए गए हैं.
एक फेसबुक पोस्ट में, आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने भी कहा कि संस्थान जल्द ही जेईई परीक्षार्थियों के लिए परिवहन की व्यवस्था के प्रयासों में समन्वय बनाने के लिए एक पोर्टल शुरू करेगा.
IIMC एक स्वायत्त संस्थान है. किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएशन के बाद छात्र यहां से हिंदी, अंग्रेज़ी, रेडियो-टीवी जर्नलिज़्म और एडवर्टाइजमेंट-पब्लिक रिलेशन जैसे विकल्पों को चुन कर नौ महीने का डिप्लोमा कर सकते हैं.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा दी गई ताज़ा जानकारी के मुताबिक एनटीए के डीजी ने उन्हें जानकारी दी है कि जेईई के 8.58 लाख़ छात्रों में से 7.5 लाख़ छात्रों और नीट के 15.97 लाख़ छात्रों में से 10 लाख़ छात्रों ने पिछले 24 घंटे में अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिया है.
एनआईआरएफ़ में 19वां स्थान हासिल करने के लिए बीएचयू की लॉ फ़ैकल्टी ने सौ फीसदी प्लेसमेंट का दावा किया है. लेकिन एक आरटीआई के जवाब में बीएचयू ने कहा कि वो ऐसा डाटा इक्ट्ठा नहीं करता.
यह समझ से परे है कि भाजपा जब भारत की सबसे मज़बूत पार्टी की स्थिति में है, तब वह जाति जनगणना जैसे विघटनकारी कदम को क्यों उठाए. अगर राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता ऐसी विघटनकारी राजनीति करते हैं, तो बात समझ में आती है. वे भाजपा के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ने के लिए बेताब हैं, लेकिन भाजपा क्यों?