अब तक राहुल गांधी, सुब्रमण्यम स्वामी, चिराग पासवान, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे कई बड़े नेता हैं जो नीट-जेईई परीक्षा स्थगित करने की मांग कर चुके हैं. बता दें कि इस परीक्षा के लिए 24 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है.
हालांकि शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, 'मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जो रहा है उसे ध्यान में रखते हुए सभी सावधानियों और एहतियातों के साथ ये परीक्षाएं समय से कराई जाएंगी.'
एनटीए ने सोमवार देर शाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ये निर्देश अपलोड किए और परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले सभी उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि 7-8 लाख भारतीय छात्र हर साल उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन अगर उन्हें वहां जो मिलता है यहां मिले तो वे वापस आ जाएंगे.
ऐसी मांग उठाने वालों में देश की राजधानी स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और (आईआईएमसी) जैसे सरकारी संस्थान शामिल हैं.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सभी तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए ये ज़रूर है कि शिक्षा को प्रत्येक बच्चे का मूल अधिकार माना जाना चाहिए.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसमें ध्यान रख गया है कि छात्र ग्लोबल स्टूडेंट तो बने लेकिन अपने जड़ से जुड़े रहें. इस दौरान उन्होंने 'जड़ से जग तक' का मंत्र दिया.
इस विषय में दिप्रिंट ने एम. फिल से जुड़े कई छात्रों से बात की और सबने इसे समाप्त किए जाने को लेकर नाकारात्मक राय दी. हालांकि, इस पर शिक्षा मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के अपने तर्क हैं.