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Friday, 29 March, 2024
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IIT दिल्ली ने पूर्व छात्रों, ‘नेक लोगों’ से मांगी मदद, कहा- JEE Advanced के परीक्षार्थियों के लिए करें परिवहन की व्यवस्था

एक फेसबुक पोस्ट में, आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने भी कहा कि संस्थान जल्द ही जेईई परीक्षार्थियों के लिए परिवहन की व्यवस्था के प्रयासों में समन्वय बनाने के लिए एक पोर्टल शुरू करेगा.

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नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, जो इस वर्ष संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) का आयोजित करा रहा है, ने देशभर के पूर्व छात्रों और छात्रों से अपील की है कि वे जेईई परीक्षार्थियों को जिन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानियां हों, उनके के लिए परिवहन की व्यवस्था करें. 

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने शनिवार को फेसबुक पर एक अपील में आईआईटी के पूर्व छात्रों, छात्रों और ‘नेक लोगों’ को कोविड-19 महामारी के कारण पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता के मद्देनजर छात्रों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में मदद करने को कहा है. सार्वजनिक परिवहन, जैसे बसें अब भी देश के कुछ हिस्सों में उपलब्ध नहीं हैं.

वहीं सोशल मीडिया के जरिए शुरुआती तौर पर जारी की गई मदद की अपील में, राव ने कहा है कि आईआईटी दिल्ली भी इन प्रयासों को कोऑर्डिनेट करने के लिए जल्द ही एक पोर्टल शुरू करने की योजना बना रहा है.

भारत भर के 23 आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई मेन्स के बाद जेईई एडवांस्ड की परीक्षा होती है.


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वहीं जेईई मेन्स नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित किया जाता है, जो 1 से 6 सितंबर को होना है, जेईई एडवांस्ड परीक्षा का आयोजन 27 सितंबर को किया जाएगा. देशभर के छात्रों ने महामारी के कारण इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए मुश्किलें जाहिर की हैं. उनकी प्रमुख चिंताओं में से एक सार्वजनिक परिवहन के उपलब्ध न होने की वजह से दूर परीक्षा केंद्रों तक जाना है.

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आईआईटी दिल्ली के निदेशक की राज्य सरकारों से अपील 

अपने फेसबुक पोस्ट में, राव ने कहा कि जिनके पास साधन हैं उन्हें या तो छात्रों को उनके परीक्षा केंद्र तक पहुंंचाना चाहिए या उन्हें आर्थिक मदद करनी चाहिए ताकि वे अपने लिए निजी परिवहन की व्यवस्था खुद कर सकें.

उन्होंने लिखा, ‘नागरिक तौर पर, हमें संकट के समय साथ खड़े होने और एक दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है. यदि मैं एक ग्रामीण क्षेत्र में हूं और मुझे एक कार मिली है, और वहां अगर कोई गरीब छात्र है, जिसे परीक्षा केंद्र जाना है और वह निजी परिवहन का खर्च नहीं उठा सकता, तो मैं छात्र को परीक्षा हॉल तक ले जाऊंगा. मैं इसे पूरी तरह से मुफ्त में करूंगा. यदि मेरे पास समय नहीं है, तो मुझे निजी परिवहन के लिए छात्र को आर्थिक रूप से मदद करने में खुशी होगी. जो कि स्वाभाविक बात है. मुझे उम्मीद है कि परीक्षा खत्म होने के बाद ऐसी कहानियां सुनने को मिलेंगी.’

निदेशक ने आगे कहा कि आईआईटी दिल्ली 95-99 प्रतिशत उम्मीदवारों को पहली वरीयता वाले परीक्षा केंद्र आवंटित करना चाहता है, जो इस वर्ष दोगुना कर दिया गया है. उन्होंने मुम्बई, कानपुर, खड़गपुर के साथी आईआईटी निदेशकों और अन्य लोगों से भी मदद मांगी है.

अपनी पोस्ट में, राव ने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन से बसों की व्यवस्था करने और परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए विशेष प्रावधान करने की अपील की है.


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संस्थान ने पहले घोषणा की थी कि परीक्षाओं को सुरक्षित रूप से आयोजित करने के लिए वह सभी मानदंडों का पालन कर रहा है.

प्रवेश और निकलने के समय उम्मीदवारों के बीच 6 फुट की दूरी बनाए रखने के सोशल डिस्टैंसिंग के मानदंडों का पालन करने के अलावा, परीक्षा केंद्र में दो सीटों के बीच हैंड सैनिटाइटर का लगातार इस्तेमाल और दूरी इसके अलावा आईआईटी दिल्ली बार कोड के साथ एडमिट कार्ड भी देगा.

हर एंट्री पाइंट पर बार कोड रीडर उपलब्ध होंगे और बार कोड के आधार पर छात्रों को एक प्रयोगशाला मिलेगी, ताकि लैब के सामने कोई भीड़ न होने पाए.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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