योग्यता, फ़ीस और दाख़िले से जुड़ी ज़्यादा जानकारी dasanit.org पर प्राप्त की जा सकती है. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि भारत में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ये बेहद सुनहरा अवसर हो सकता है.
कोविड लॉकडाउन की वजह से नीट और जेईई परीक्षाओं को जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था लेकिन इस बीच कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों की मांग है कि इसे और आगे बढ़ाया जाए.
प्रवेश प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ प्रोफेसरों का कहना है कि सीबीएसई की तरफ से मूल्यांकन के समय उदार रवैया अपनाए जाने की उम्मीद है, और इसलिए बोर्ड परिणाम औसतन खराब होने के आसार नहीं हैं.
कोरोना महामारी के मद्देनज़र सभी आईआईटी छात्रों को कैंपस में देरी से बुलाने पर विचार कर रहे हैं. जो संस्थान ऑनलाइन कक्षाएं करा सकती हैं वो इसके लिए तैयारी कर रही है.
ओपन लेटर में ये भी कहा गया है कि यूनिवर्सिटी ने छात्रों का सिलेबस पूरा नहीं करवाया. छात्रों का कहना है, 'बैग़र सिलेबस पूरा करवाए परीक्षा करवाने किसी मजाक से कम नहीं है.'
एनडीएमसी के लिए लगभग 8000 शिक्षक काम करते हैं और उन्हें तीन महीनें से, जबकि एसडीएमसी 6000 और ईडीएमसी के 5000 शिक्षकों को 1 महीने की सैलरी नहीं मिली है.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.