शिक्षा के अधिकार वाले कानून के तहत सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) पृष्ठभूमि से आने वालों बच्चों के लिए अपनी 25% सीटें आरक्षित रखनी चाहिए और उनसे कोई शुल्क नहीं लेना चाहिए. लेकिन एनसीपीसीआर की रिपोर्ट में पाया गया है कि केवल कुछ ही राज्यों ने इस नियम को लागू किया है.
75 प्रयोगों को सीखने वालों के लिए सुरक्षित माना गया है, जिन्हें घर पर पाई जाने वाली चीजों से किया जा सकता है. ये कदम महामारी के दौरान व्यावहारिक पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है.
कोविड-19 के मामले कम होने के मद्देनजर सितंबर में नौवीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले गये थे. हालांकि, मार्च 2020 के बाद से पहली बार आठवीं तक के छात्रों के लिए कक्षाएं स्कूल परिसर में हो रही हैं.
एलेक्स पी जेम्स को दुनिया के 1,059,029 वैज्ञानिकों में से 294वां स्थान और इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत में 8वें स्थान पर रखा गया है.
छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों की पृष्ठभूमि में यह सवाल आया कि जिन लोगों ने सभी विषयों में ए प्लस स्कोर किया है, उन्हें भी कक्षा 11 में अपनी पसंद का पाठ्यक्रम चुनना मुश्किल हो रहा है.
परिषद ने इस संबंध में संशोधित तिथियों की सूची भी जारी की जिसके अनुसार, 10वीं कक्षा की परीक्षा 29 नवंबर से और 12वीं कक्षा की परीक्षा 12 नवंबर से शुरू होगी .
कोच्चि, 16 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र वैश्विक घटनाओं...