पीएम मोदी सालाना 1 करोड़ नौकरियां सृजन करने में विफ़ल हो गए है. अगले साल आम चुनावों में 13 करोड़ नए मतदाताओं के लिए जो पहली बार वोट करेंगे उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा.
मोदी सरकार जो हर साल एक करोड़ नौकरियां बनाने के वादे के आधार पर सत्ता में आई थी, की गंभीर आलोचना की गई जिसके बाद सरकार ने वार्षिक रोजगार सर्वेक्षण नहीं किया
पाकिस्तान को दिए जाने वाले जवाब का पैमाना हमेशा राजनीतिक फैसले से तय होता है. सेना प्रधानमंत्री द्वारा तय किए गए राजनीतिक लक्ष्य को किस तरह हासिल करेगी, इसके बारे में अटकलें ही लगाई जा सकती हैं.