भारतीय वायुसेना के पहले वारफेयर एंड एयरोस्पेस स्ट्रेटजी प्रोग्राम पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने आगाह किया कि ‘एक सैन्य रणनीतिकार को प्राथमिक उद्देश्य यानी युद्ध लड़ने’ से नजर नहीं हटानी चाहिए.
ये पंजीकरण भारतीय वायु सेना के अग्निवीर वायु कार्यक्रम से संबंधित हैं. पहले चरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुक्रवार सुबह 10 बजे खोला गया था, और 5 जुलाई को बंद हो जाएगा.
लगता है, किसी खास लेफ्टिनेंट जनरल या आर्मी कमांडर को चुनने के लिए सीडीएस पद की योग्यता शर्तों में फेरबदल किया गया है, ‘प्रतिभाशाली’ की तलाश के बहाने ‘डीप सेलेक्शन’ का पेंच एक पहेली ही है.
1980 के दशक से ही भारतीय सेना , विशेष रूप से थल सेना, के भीतर सैनिकों की औसत आयु को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा था लेकिन इस पर वास्तविक रूप से काम साल 2020 में उस विचार के साथ शुरू हुआ जो 2019 में पैदा हुआ था.
गौरतलब है कि मंगलवार को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा था कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा था कि यह योजना एक 'गेम चेंजर' है.
शनिवार सुबह ही गृह मंत्रालय ने भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित करने की घोषणा की थी.
राजू ने बताया कि अभी से अगले 90 दिनों में पहली भर्ती शुरू होगी. तकरीबन 180 दिन बाद भर्ती किए गए लोग ट्रेनिंग सेंटर्स में होंगे और एक साल बाद हमारे पास 'अग्रनिवीर' का पहला बैच होगा जो कि बटालियन का हिस्सा होगा.
आर्मी चीफ ने कहा एक साफ, निष्पक्ष, पारदर्शी और एक मजबूत मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर स्क्रीनिंग और चयन यह सुनिश्चित करेगा कि सेना लंबी सेवा अवधि के लिए सर्वश्रेष्ठ को बरकरार रखे और ये कर्मी हमारे संगठन का मूल बनेंगे.
लगभग 20 अरब डॉलर के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ़्ट (एमआरएफए) सौदे में भारतीय वायुसेना द्वारा अपने बेड़े को विकसित करने और आधुनिक बनाने के लिए 114 आधुनिक मल्टी-रोल फाइटर विमानों की खरीद की आवश्यकता है. दिप्रिंट इस सौदे दावेदारों पर डाल रहा है एक नज़र.