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Thursday, 28 November, 2024
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चीन से बढ़ता खतरा! सेना और ज्यादा एंटी टैंक मिसाइल वाले M-4 बख्तरबंद वाहन खरीदने की तैयारी में

सेना गन का कैलिबर 7.62 मिलीमीटर से बढ़ाकर 20 मिलीमीटर तक करने और इसमें ऑटोमैटिक टर्ट की सुविधा होने की संभावनाओं का भी पता लगा रही है.

सेना प्रमुख बोले- भारतीय रक्षा कंपनियों को अगले 7 सालों में 8 लाख करोड़ के ऑर्डर मिलेंगे

जनरल मनोज पांडे ने खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) को सेना की प्राथमिकता वाले क्षेत्र करार दिया जिसमें अग्रिम क्षेत्रों में मोबिलिटी सुविधा बढ़ाना, एआई और एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन शामिल है.

वालोंग: जहां भारतीय सेना ने एक बड़े चीनी हमले को रोका और किया 1962 के युद्ध का एकमात्र जवाबी हमला

सैन्य इतिहासकार कर्नल एन. एन. भाटिया (सेवानिवृत) कहते हैं कि संरचनात्मक, कमान और साजो सामान से जुड़े समस्याओं ने चीनी हमले का प्रतिरोध करने में बाधा पहुंचाई, फिर भी हमारे सैनिकों ने पूरी वीरता के साथ पहले रक्षा और फिर जवाबी हमले को अंजाम दिया.

‘मेक इन इंडिया’ के तहत एक भारतीय कंपनी के साथ मिलकर राइफल बेचेगी UAE की काराकल

रक्षा मंत्रालय ने इसी साल कुछ समय पहले 'आत्मनिर्भरता' वाले रास्ते के जरिए 4 लाख से अधिक क्लोज-क्वार्टर बैटल कार्बाइन खरीदने के लिए भारतीय थल सेना की परियोजना को मंजूरी दी थी.

लोंगजू में हुए टकराव से लेकर ‘ऑपरेशन लेगॉर्न’ तक, कैसे खूनी झड़पों ने तैयार किया 1962 के भारत-चीन युद्ध का आधार

युद्ध से पहले हुई मुठभेड़ों की पूरी श्रृंखला के तहत अगस्त-सितंबर 1962 में थगला रिज पर हुआ चीनी कब्ज़ा भी शामिल था, जिसके बाद भारत ने उन्हें वहां से बलपूर्वक, यदि जरूरत पड़ी तो, हटाने के लिए ऑपरेशन लेगॉर्न शुरू किया.

60 साल पहले गलवान में आमना-सामना—सीमा पर अस्थिरता कैसे 1962 में भारत-चीन युद्ध शुरू होने की वजह बनी

1962 में गलवान की घटना को युद्ध छिड़ने की वजह माना जाता है, वहीं तमाम लोग इसे दलाई लामा के तिब्बत से पलायन के बाद 1959 से भारत-चीन के बीच जारी राजनयिक टकराव का अपरिहार्य नतीजा मानते हैं.

‘अब कोई उस पार नहीं जाता’- 1962 के चीन युद्ध में सेना की मदद करने वाली भारत-तिब्बत जनजातियां कहां खो गईं

मिश्मी और मेयर आदिवासियों ने 1962 के युद्ध में एलएसी के पास वालोंग की लड़ाई में भारत का साथ दिया था. भारत-चीन संबंधों में दरार पड़ने के साथ-साथ युद्ध ने जनजातियों की सदियों पुरानी जीवन शैली को भी बदल दिया.

हवाई हमले का कमजोर पड़ना, एक ‘लोकतांत्रिक क्रांति’: रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय वायुसेना के लिए सबक

यूक्रेन में रूसी वायु सेना की हार भारतीय वायुसेना के लिए मुश्किल सवाल खड़े करती है. तीन भाग की सीरीज के पहले भाग में, दिप्रिंट भारतीय वायुसेना के उपकरणों और सिद्धांत के लिए यूक्रेन युद्ध से मिले सबक की पड़ताल कर रहा है.

आर्मी के पीस स्टेशनों पर अब नजर आएंगी इलेक्ट्रिक बस, कार और बाइक, चार्जिंग इंफास्ट्रक्चर पर तेजी से काम

सेना की कुछ चुनिंदा यूनिट में लगभग 25 फीसद हल्के वाहनों, 38 फीसद बसों और 48 फीसद मोटरसाइकिलों को ईवी में बदल दिया जाएगा.

हेलीकॉप्टर हादसे पर सैनिकों की पत्नियों ने मोदी को लिखा पत्र, मंजूरी के बावजूद विमानों को बदलने में देरी

आर्मी वाइव्स ग्रुप चीता और चेतक के बेड़े को ‘उड़ते ताबूत’ करार देते हुए इन्हें बदलने की मांग कर रहा है. रक्षा मंत्रालय ने नवंबर 2021 में एचएएल से 12 एलयूएच की खरीद को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब ऑर्डर देने पर कदम पीछे खींचे जा रहे हैं.

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी ने पश्चिम बंगाल में अशोकनगर के पास पिछले छह साल...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.