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Monday, 3 February, 2025
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समाज-संस्कृति

राष्ट्रीय बालिका दिवस: वो लड़कियां जिन्होंने तोड़ दी रूढ़ीवादी सोच, बनी गांव की प्रेरणास्रोत

इन 4 प्रेरक लड़कियों की कहानियों से प्रेरित होकर ग्रामीण पंजाब और हरियाणा की लड़कियां समाज में बदलाव लाने की आकांक्षा के साथ शिक्षित होने के लिए आगे आ रही हैं.

‘मुस्लिमों से नफरत’, अपर्णा यादव का BJP में शामिल होना’ और मोदी का WEF में भाषण- इस हफ्ते उर्दू प्रेस की खबरें

दिप्रिंट का इस बारे में राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ पर उनके संपादकीय में क्या रुख अख्तियार किए गए.

सुभाष घई की ऊंची दुकान का फीका पकवान है ‘36 फार्म हाउस’

जी-5 पर रिलीज हुई इस फिल्म के गाने बहुत कमजोर लिखे गए और उनकी धुनें भी उतनी ही कमजोर बनाई गईं. सच तो यह है कि सुभाष घई ने यह फिल्म बना कर खुद अपने ही नाम पर बट्टा लगाया है.

एपीजे कोलकाता साहित्य उत्सव 21-23 जनवरी तक ऑनलाइन आयोजित होगा

इससे पहले टाटा स्टील साहित्य भेंट को इस हफ्ते के शुरू में कोविड की वजह से स्थगित कर दिया गया है. यह 25 जनवरी से आयोजित किया जाना था.

कश्मीर के दर्द, चीत्कार, असंतोष, टॉर्चर की असंख्य कहानियों का लेखा-जोखा है ‘लाल चौक’

कश्मीर पर असंख्य किताबें लिखी गईं लेकिन उनमें मौजूदा कश्मीर मौजूद नहीं था. वहां के लोगों की बात नहीं थी, आवाम की परेशानियों और मानवाधिकारों के हनन के इतने किस्से मौजूद नहीं थी. इस मायने में रोहिण कुमार की 'लाल चौक' काफी खास और अहमियत रखती है.

शिक्षा, बाल विवाह, जातिवाद…जानें किस तरह जाबाज लड़कियां सामाज के बंधन तोड़ बना रहीं आगे के रास्ते

इन लड़कियों ने सामाजिक बंधनों को तो़कर उससे ऊपर उठकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई और अब अपने आस-पास के गांव की लड़कियों के लिए भी शिक्षा की राह आसान कर रही हैं.

बासु चटर्जी की फिल्मों के ‘सारा आकाश’ में महकती रहेगी ‘रजनीगंधा’ की खुशबू

बासु दा की फिल्में देश की बड़ी आबादी वाले मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती थी. उन्होंने साहित्य को अपने नज़रिए से देखा और सिनेमा के जरिए उसे और ऊंचा फलक देने का काम किया.

‘अब समझ में आवत.. केतनी बुरी बेमारी बा’- कोरोना काल में ग्रामीण भारत की सच्चाई बयां करती ‘पुद्दन कथा’

काफी गंभीर और चुनौती भरे समय में एक अनसुलझे वायरस से प्रभावित जटिलताओं भरे समाज के लिए एक आईना साबित हो सकती है किताब 'पुद्दन कथा'.

‘बुली बाई’, PM की सुरक्षा में नाकामी, लखीमपुर मामले में चार्जशीट- उर्दू प्रेस की ये रही सुर्खियां

दिप्रिंट का राउंड-अप बता रहा है कि उर्दू मीडिया ने बीते हफ्ते विभिन्न घटनाओं को कैसे कवर किया और कुछ खबरों को लेकर उनका संपादकीय रुख क्या रहा.

द साइलेंट कू: भारत में संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक व्यवस्था के कमजोर होने की कहानी

'द साइलेंट कू- हिस्ट्री ऑफ इंडियाज़ डीप स्टेट' में सुरक्षा और गैर-सुरक्षा प्रतिष्ठानों का बीते कुछ दशकों में कैसा काम रहा और उसका आम जिंदगियों, राजनीति, समाज पर किस तरह का असर पड़ा है, लेखक-पत्रकार जोसी जोसेफ ने उसे दर्ज किया है.

मत-विमत

मोदी 3.0 के बजट से जुड़ी है समाजवादी पहचान की सुर्खी और उसके नीचे दबी है परमाणु संधि की आहट

इस बजट की सुर्खी बनने लायक एकमात्र बात मिडिल-क्लास को इनकम टैक्स में दी गई राहत है और सबसे साहसिक और सकारात्मक पहलू है परमाणु ऊर्जा एक्ट और ‘सिविल लायबिलिटी ऑन न्यूक्लियर डैमेज एक्ट’ में संशोधन का इरादा.

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राजनीति

देश

केरल में एक छात्र के आत्महत्या करने की घटना दिल को दहला देने वाली है: राहुल गांधी

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि केरल के एक स्कूल में बलपूर्वक परेशान किये...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.