scorecardresearch
Wednesday, 1 October, 2025
होमसमाज-संस्कृति

समाज-संस्कृति

रघुराम राजन के भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ने पर उर्दू प्रेस का सवाल- क्या वह कांग्रेस के अगले मनमोहन हैं

उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह की अलग-अलग घटनाओं को कैसे कवर किया और उन पर उसका संपादकीय नज़रिया क्या रहा. इस बारे में दिप्रिंट का राउंड-अप.

जल्द ही उसका होनेवाला ब्वॉयफ्रेंड, एक IAS ASPIRANT की रोमांचक स्टोरी

एक IAS ASPIRANTS की रोमांचक सक्सेस स्टोरी’ प्रभात प्रकाशन से छपी किताब में पढ़ाई के दिनों में आईएएस की तैयारी करने वाला लड़का क्या क्या सोचता है, इसकी मजेदार कहानियां लिखी हैं पीयूष रोहनकर, DANICS ने.

इस हफ्ते सिर्फ ‘अवतार-द वे ऑफ वॉटर’ की आंधी, दर्शकों के चेहरे पर झलक रही खुशी

‘अजय वर्द्धन’ व ‘त्राहिमाम’ जैसी फिल्में भी आई हैं और अन्य भाषाओं की फिल्में भी देश के अलग-अलग हिस्सों व विभिन्न ओ.टी.टी. मंचों पर रिलीज हुई हैं लेकिन ये सारी की सारी बेहद ठंडी हैं और इन्हें कोई नहीं पूछ रहा है.

जिन आचार्य किशोरीदास वाजपेयी ने ‘हिन्दी’ को ‘हिन्दी’ बनाया, ‘हिन्दी वाले’ उन्हें ही भूल गये!

किशोरावस्था तक का उनका जीवन जीविका के लिए मवेशी चराने और मेहनत-मजदूरी करने जैसे कामों में ही बीत गया. 12 साल की उम्र में प्लेग से माता-पिता को खोने के बाद उन्होंने पास के मंधना स्टेशन पर कचालू भी बेचे.

दीपिका के भगवे कपड़े पर भड़के गृहमंत्री, बोले- सीन में बदलाव जरूरी नहीं तो MP में फिल्म प्रदर्शन पर करेंगे विचार

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दीपिका पादुकोण दिल्ली के जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के समर्थन में पहुंची थीं.

फिल्मकार कुंदन शाह पर सईद मिर्जा की किताब, शामिल हैं- गोधरा, मार्क्स, मूवीज और मेमोरीज

शाह तब तक अराजनीतिक शख्स से ऊपर उठ कर हर जगह राजनीति देखने लगे थे. यहां तक कि उन्होंने साल 2002 के गुजरात दंगों के लिए मिर्जा से माफी भी मांगी थी. मिर्जा ने पूछा भी था कि उन्हें इससे क्या लेना-देना?

कभी काबा तो कभी मां वैष्णो देवी, ‘पठान’ को हिट कराने की मन्नत मांग रहे हैं शाह रुख खान?

बॉलीवुड के किंग खान अभिनेता शाहरुख खान रविवार को देर रात अपने साथियों के साथ मां वैष्णों देवी दर्शन के लिए पहुंचे. इससे पहले वो काबा में उमराह करते हुए भी नज़र आ चुके हैं.

अंग्रेजों और मुस्लिमों के आने से पहले ही भारत की शिक्षा व्यवस्था का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं था

समुद्र किनारे रहनेवाले परिवारों के बच्चे जहाज निर्माण करनेवाले अपने ‘गुरु’ के पास रहकर जहाज निर्माण की प्रत्यक्ष शिक्षा ग्रहण करते थे.

खुलकर कुछ न कहते हुए भी, आखिर असम के किस काले अध्याय को दिखाती है फिल्म, ‘शैडो असैसिन्स’

यह फिल्म दिखाती है कि कैसे उल्फा के एक कमांडर मृदुल के परिवार वालों पर अत्याचार होता है जबकि उनका मृदुल से अब कोई नाता भी नहीं रहा. लेकिन यह अत्याचार इस परिवार को बदल कर रख देता है.

रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’: कविताओं से सत्ता को चुनौती देने वाले JNU के कवि

विद्रोही प्रगतिशील धारा के व्यक्ति थे जिन्होंने समाज से कई धार्मिक विश्वासों, जेंडर को लेकर होने वाली असमानताओं और आर्थिक गैर-बराबरी को लेकर मुखरता से अपनी आवाज़ उठाई और आवाम के बीच उसे अपनी कविताओं के जरिए ले जाने का प्रयास किया.

मत-विमत

वीडियो

राजनीति

देश

बरेली जा रहे सांसद इमरान मसूद और विधायक शाहनवाज खान नजरबंद किये गये

सहारनपुर (उप्र), एक अक्टूबर (भाषा) सहारनपुर जिले में काग्रेस सांसद इमरान मसूद और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक शाहनवाज खान को पिछले शुक्रवार को...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.