हरियाणा में करीब 19% प्रतिशत दलित हैं तो यूपी में करीब 22%. लेकिन बसपा हरियाणा में कभी भी मजबूत जनाधार नहीं बना पाई है. जबकि यूपी में बसपा बड़ी पार्टी है.
जितिन प्रसाद खुद मीडिया के सामने आए और बताया कि वह धौरहरा लोकसभा सीट छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. यह उनका सिर्फ चुनाव क्षेत्र ही नहीं, उनका परिवार भी है.
अगर समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों को देखें तो हर साल- दो साल में कोई ना कोई नेता ये ज़रूर साबित कर देता है कि ये पार्टी महिलाओं को लेकर बिल्कुल संवेदनशील नहीं है.
कन्हैया कुमार के सीपीआई यानी कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगूसराय से चुनाव लड़ने को लेकर वामपंथियों में काफी उत्साह है. वैसे बिहार में वामपंथी राजनीति पर नजर रखनी है तो आरा सीट को देखिए. बेगूसराय में यथास्थिति कायम है.
रमज़ान के दौरान रोज़ा न रखने पर किसी मुल्ला ने मोहम्मद शमी की जो निंदा की उसका ताल्लुक मजहब से कम, और धर्मशास्त्र की सत्ता और इससे पैदा होने वाली टकराव की विचारधारा से ज्यादा है.