मालवा इलाके के कई गांवों में दलित महिलाओं ने साझी ज़मीन पर खेती करने का हक़ हासिल किया है. अब वे एक नई बस्ती – बेगमपुरा – बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं और जानबूझकर गिरफ़्तारी दे रही हैं.
संस्थागत आदेश के जरिए मताधिकार से वंचित करना बिलकुल अलोकतांत्रिक कदम है. बिहार में जो नई प्रक्रिया चलाई जा रही है उससे भाजपा का ही पलड़ा भारी होने जा रहा है.
19 साल बाद, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आखिरकार वही बात कही जो सरकारें और खुफिया एजेंसियां सालों से जानती थीं: धमाकों के लिए जिन लोगों को सज़ा दी गई थी, उनका इससे कोई लेना-देना नहीं था.
शुक्ला के दोस्त सभी पार्टियों, बिज़नेस जगत और क्रिकेट की दुनिया में हैं. वह हर सही मौके पर फोटो खिंचवाने में इतने माहिर हैं कि अब ये कांग्रेसी पॉपुलर कल्चर का हिस्सा बन चुके हैं.