जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाठिया, जो आसिफा बलात्कार,हत्या के मामले की कश्मीर बंद के पीछे सीबीआई द्वारा जांच की मांग कर रहे हैं, एक पुराने कांग्रेसी हैं।
सत्तारूढ़ दल के दलित नेताओं का कहना है कि पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया है और बीजेपी के गढ राज्यों में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए अनुसूचित जाति का एक भी वरिष्ठ नेता नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि जब अमरिन्दर सिंह ने केन्द्र को कनेडियन राजनितिज्ञों के खालिस्तानी अलगाववादियों को समर्थन देने के बारे में बताया तो केन्द्र ने उनका पक्ष लेने का निर्णय किया.