बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य को दहेज और बाल-विवाह प्रथा से मुक्त करने का संकल्प लिया है, लेकिन भाजपा चाहती है कि वह जातीय गणित पर ही ध्यान दें क्योंकि इन सामाजिक आंदोलनों का चुनावी फायदा नहीं मिल रहा है.
शीला दीक्षित की टिप्पणी से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेता चुनाव अभियान के दौरान सपा और बसपा को निशाना बनाएंगे, जबकि उनका सीधा मुकाबला सत्ताधारी पार्टी भाजपा से होगा.
बिहार के पास ऐसी उपजाऊ ज़मीन है जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा क्रांतियों को जन्म देने वाली रही है. इसके बावजूद बिहार इतना पीछे क्यों रह गया? राजनीति का स्थायी जुनून ही उसके विनाश की मूल वजह है.