इस बार के लोकसभा चुनावों पर 500 अरब खर्च होने का अनुमान है, जो 2014 की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है. बढ़ा हुआ व्यय सोशल मीडिया, यात्रा और विज्ञापन में लगने की संभावना है.
इस चुनाव में कई सारी भटकाव वाली बातें उठाई जाएंगी लेकिन आपको यहां बात करनी है कि आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है. किससे आप आगे बढ़ सकते हैं और कौन आपको आगे बढ़ा सकता है.
भाजपा अगर संयुक्त विपक्ष से लड़े तो वह यूपी में यह स्थापित करेगी कि एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले स्वार्थी मोदी को रोकने के लिए एक साथ आ गए हैं. ऐसे में संभव है कि पूरा गठबंधन हार जाए.
चर्चा है कि कई बड़े चेहरे अपनी पसंदीदा सीट को छोड़ दूसरी सीट से ताल ठोकेंगे. इनमें वरुण गांधी, मेनका गांधी, राजबब्बर, अखिलेश यादव, वीके सिंह के नाम अहम हैं.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.