बिहार शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि आरटीई अधिनियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में 200 और मध्य विद्यालयों में 220 कार्य दिवस बनाए रखने के लिए छुट्टियों को कम करना होगा.
आंध्र प्रदेश में अगले साल विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पार्टी महिलाओं, युवाओं और किसानों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 6 चुनावी रियायतों की घोषणा करने की तैयारी कर रही है.
1991 के विपरीत, जब अविभाजित शिव सेना ने भारत-पाक मैच के विरोध में मुंबई में एक पिच खोद डाली थी, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अब जो विरोध हो रहा है वह विरोध करने से ज्यादा बीजेपी को घेरने की कोशिश है.
बसपा प्रमुख ने कहा- वैसे तो BSP से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई.
बीजेपी आंध्र प्रदेश में नायडू की टीडीपी के साथ तालमेल बिठा रही है, जबकि 'मित्रवत' जगन के खिलाफ आलोचना तेज कर रही है. लेकिन बीजेपी संसद में जगन की वाईएसआरसीपी से समर्थन खोने से भी सावधान है.
केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी को भरोसा है कि भाजपा के विकास कार्य उसे 2024 में सत्ता में वापस लाएंगे. उन्होंने INDIA गठबंधन को 'समझौते का खेल' कहकर खारिज कर दिया.
राहुल ने कहा, "मैं यह कई सालों से कह रहा हूं. मैं हाल ही में लद्दाख से लौटा हूं, प्रधानमंत्री ने कहा था कि चीन ने हमारी एक इंच भी जमीन नहीं कब्जाई है, यह पूरी तरह गलत है."
विधायक कैलाश मेघवाल का कहना है कि वह अर्जुन राम मेघवाल को कैबिनेट से हटाने के लिए पीएम को लिखेंगे, केंद्रीय मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी. दोनों राज्य में प्रमुख दलित चेहरे हैं.
अपनी पार्टी जेजेपी के बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा होने पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि, 'जब भी चुनाव के लिए गठबंधन होता है, तो पार्टियां सहयोगियों को समायोजित करने के लिए समझौता करती हैं.'
शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते, रोहित पवार चुपचाप पृष्ठभूमि में काम कर रहे थे. लेकिन चाचा अजित पवार के पार्टी से बगावत करने के बाद रोहित खुलकर मैदान में आ गए हैं और लोगों के बीच जा रहे हैं.
मोदी की मौजूदगी बाकी तमाम मुद्दों को एक किनारे सरका कर लोगों के दिमाग पर छा जाने के मामले में अब नाकाफी है. साधारण राजनीति वापिस आ रही है और लंबे वक्त से दबे चले आ रहे मुद्दे अब सिर उठा रहे हैं.