उदयपुर में चलने वाली इस 3 दिवसीय बैठक में 450 से ज्यादा पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. 2013 के बाद, पार्टी का यह पहला विचार मंथन सत्र है. इस दौरान पार्टी के संगठन में बदलाव और मुख्य रूप से 2024 में भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनाने पर ध्यान दिया जाएगा.
भाजपा नेताओं ने माना कि उनकी कुछ 'गलतियों' के कारण मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी कोटे के बिना मप्र स्थानीय निकाय चुनावों को दो सप्ताह के भीतर अधिसूचित करने का फैसला सुनाया है. उधर 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस फैसले ने कांग्रेस को आक्रामक बना दिया है.
2020 से बीएमसी ने कम से कम पांच ऐसे हाई-प्रोफाइल लोगों को ‘अनधिकृत निर्माण’ संबंधी नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से एमवीए और उसके नेताओं पर निशाना साधा था.
बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा केजरीवाल के खिलाफ 'द कश्मीर फाइल्स' पर उनकी टिप्पणियों पर 'धमकी' देने के बाद 'भड़काऊ बयानों' के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने 'अपहरण' का मामला दर्ज किया है.
अपनी नाटकीय गिरफ्तारी के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बग्गा ने कहा कि वह केजरीवाल से पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, मादक पदार्थ माफियाओं और राज्य में खालिस्तान के नारे लगाने वाले अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के उनके वादों के बारे में सवाल पूछते रहेंगे.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी के राज्य प्रमुख सी.आर. पाटिल राजनीतिक और सरकारी फैसलों में ज्यादा दखल रखते हैं जबकि ‘लो-प्रोफाइल’ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल कार्यकर्ताओं की बात सुनने और आउटरीच में मददगार साबित हो रहे हैं.
30 मई से पार्टी एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने जा रही है जो कि 15 जून को खत्म होगा. ये कार्यक्रम '8 साल: सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण ' के तहत किया जाएगा.
सवर्ण भूमिहार, जो भाजपा के मूल मतदाता आधार का हिस्सा रहे हैं, पार्टी से लगातार अलग होते जा रहे हैं और वे अपने पारंपरिक 'दुश्मन' राजद के पाले में चले जाने की कसमें भी खा रहे हैं.
दो बड़े नेताओं के भाजपा खेमे में शामिल हो जाने के बाद आप ने इन स्वयंसेवकों को एक महीने के लिए हिमाचल प्रदेश भेजा है, ताकि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी का फिर से खड़ा किया जा सके.
अब जबकि मई की 87 घंटे लंबी जंग में IAF और PAF दोनों ने एक-दूसरे के विमान गिराने का औपचारिक दावा किया है, तो बड़ा सवाल यह उठता है: क्या ऐसे आंकड़े वाकई मायने रखते हैं?