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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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वीरे दी वेडिंग : बॉलीवुड को अब समाजशास्त्र का पाठ पढ़ ही लेना चाहिए

फिल्म के ट्रेलर और गानों में महिलाओं को पुरूषों की तरह दिखाया गया है जैसे कि बॉलीवुड में दशको से पुरुषो को महिलाओ के प्रति

ईपीएफओ का रोजगार डेटा खुश तो ज़रूर कर देता है लेकिन अभी सच्चाई की जांच की है ज़रूरत

यदि संख्याएं वास्तविक हैं, तो परीक्षण में यथावत रहेंगी। इस कार्य का उद्देश्य रोजगार पर वास्तविकता प्राप्त करना है न कि प्रचार कर वाह वाही लूटना.

हमारे सैन्य इतिहास का राजनीतिकरण हुआ है, कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी के फैक्ट्स भी गड़बड़ा गए

दशकों से सैन्य इतिहास का एक बहुत ही उग्रतापूर्ण और राष्ट्रवादी संस्करण तैयार किया गया है – लेकिन राजनेताओं ने तो जनरलों को भी गलत तरीके से उजागर किया है । इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी के भी तथ्य गड़बड़ा गए

मोदी और राहुल अब खुद को ज़्यादा गैर लोकतांत्रिक साबित करने की लड़ रहे हैं जंग

लगता है प्रधानमंत्री मोदी इस जोखिम से अवगत हो गए हैं कि सत्तावादी का टैग क्षति पहुंचाना शुरू कर सकता है.

दलित साहित्य के अध्ययन से बदलती है राष्ट्रवाद, औपनिवेशवाद और आधुनिकता की स्थापित परिभाषा

दलित साहित्य एक ऐसा विषय है जिसको शहरी क्षेत्रों के उच्च जाति वालों द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है, या भारत की इस परिभाषा को हम सीखना नहीं चाहते हैं।

हमारे लिबरल्स को अपने काम निपटाने के लिए ही कॉर्पोरेट फंडिंग भाती है, लाल किले के लिए नहीं

वामपंथी उदारवादियों को कार्पोरेट से प्रायोजकों की भीख मांगने को लेकर कोई समस्या नहीं है जो कि उनके साहित्यिक समारोहों से लेकर वाइन और चीज तक की पार्टियों का आयोजन करते हैं।

आखिर क्यों राहुल गाँधी की नेतागिरी और कपड़ों के बीच नहीं है कोई तालमेल

भारत के सबसे सफल राजनेता, नरेन्द्र मोदी, राजनीति की दुनिया में सबसे फैशनेबल राजनेता हैं। वे राजनीतिक पोशाक के नियमों को जानते हैं।

परमाणु सशक्त भारत और पाकिस्तान ने मॉडर्न राइफलें ढूंढने में ही लगा दिए कई साल

भारतीय सेना के अधिकांश अधिकारी 1990 के दशक की एक राइफल का उपयोग करते हैं, जबकि पाकिस्तान की सेना द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से...

तीन साल में आ जाएंगे कॉर्पोरेट भारत के अच्छे दिन

भारत के कार्पोरेट प्रदर्शन और निवेश में बढ़ोत्तरी, कम से कम तीन साल तक बनी रहनी चाहिए।

अब समय आ गया है कि खुद को सुप्रीम साबित करे सुप्रीम कोर्ट

न्यायाधीशों और कानूनी दिग्गजों के लिए यह, खुद के लिए लड़ने के बजाय संस्थान को बचाने के लिए लड़ने और एक साथ एक पंक्ति में खड़े होने का समय है.

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धार्मिक स्वायत्तता भी सीमित है, पटना के इमारत-ए-शरीयत के विरोध में हाशिए पर रहे पसमांदा मुसलमान

संविधान सिर्फ किसी समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता या सामूहिक धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए ही नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के मूल अधिकारों की भी सुरक्षा करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो.

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राजनीति

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विदेश में रोजगार को लेकर अच्छा पैकेज, सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे: हिमाचल मुख्यमंत्री

शिमला, पांच जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि लोगों को विदेश में काम करने के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.