यह नहीं कहा जा सकता कि अयोध्या में 25 नवंबर को जो कुछ हुआ, वह साधु-संतों का स्वतःस्फूर्त प्रयास था क्योंकि धर्मसभा के लिए भीड़ जुटाने में भाजपा नेता भी पूरी तरह सक्रिय थे.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.