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शनिवार, 10 मई, 2025
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मत-विमत

पतंजलि की जबरदस्त सफलता का राज़ : नई पीढ़ी के भारतीय युवा

नई पीढ़ी के युवा भारतीय इस हिप्सटर सबकल्चर (स्थापित संस्कृति) को खूब गले लगा रहे हैं और जितना कि इस संस्कृति से पतंजलि को...

नेहरू की जगह यदि मोदी भारत के पहले पीएम होते तो भारत मूर्खता विज्ञान का गढ़ बन जाता

नरेन्द्र मोदी और उनके साथियों द्वारा नेहरू के भारत को कितना बर्बाद किया जाएगा और कितनी बर्बादियाँ अभी देखना बाकी है। एक अनुशासनहीन और बिखरे हुए विपक्ष का मतलब है कि यह सब अभी लंबे समय तक टिके रहेंगे।

अगर बैंकों को नहीं सुधार सकते तो 8 प्रतिशत की वृद्धि दर को कह दें अलविदा

वित्तीय प्रणाली अभी भी अर्थव्यवस्था पर घसीटी जा रही है जो बैंकिंग के कार्य, विनियमन और निरीक्षण में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती...

न्यायपालिका को न्यायाधीशों से भी बचाएं

अधिकारों को लेकर खींच-तान से लेकर,सुर्ख़ियों में रहने और अपनी ही सभा को संभालने की असमर्थता तक -न्यायापालिका अब अपने ही भीतर से खतरे...

क्या ‘पिंक’ के बाद महिलाओं के लिए लड़-लड़ के थक चुके हैं अमिताभ बच्चन ?

ये बहुत ही अनुचित है। मीडिया यह भूलते हुए दिखाई देती है कि वो पिंक को नहीं 102 नॉट आउट को बढ़ावा दे रहे हैं। ये 2016 में था और क्या अमित जी ने इसके लिए अपनी मध्यम आवाज़ का सर्वोत्तम योगदान दिया था? कमजोर अमिताभ बच्चन।लोग उनसे बहुत ज्यादा अपेक्षा रखते हैं।

मोदी सरकार की आम आदमी पार्टी के ऊपर की गयी कार्यवाही संघवाद की भावना के खिलाफ है

संघवाद की भावना में, मोदी की केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार से उन पदों के लिए वास्तविक रूप से अनुमोदन मांगने के लिए कह सकती...

पावरफुल पुरुष हर समय महिला पत्रकारों का उत्पीड़न करते हैं, बच्चा समझते हैं व दूर कर देते हैं

क्या महिला पत्रकार एक प्रभाशाली वृद्ध व्यक्ति के प्रभाव को तोड़ने में समर्थ हो सकती हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार के गाल खींचे या थपकी दी या यूं ही पूछ लिया कि क्या आप शादीशुदा हैं?

अरेंज मैरिज बनी पुरानी तालीम,पाकिस्तान में अब ‘सीपीईसी विवाह’

बहुत अधिक इतराने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की वजह से पाकिस्तान में एक नई सांस्कृतिक लहर दौड़ रही है

जाते जाते अब निकल ही गया: कैसे नरेंद्र मोदी के हाथों से फिसला सियासी अफसाना

सरकार के लिए यह कोई असाधारण बात नहीं है कि वह अपने अंतिम या अंतिम के दो सालों में अलोकप्रिय हो। असाधारण क्या है? हमने कभी नहीं सोचा था कि यह सब,मास्टर कम्युनिकेटर नरेन्द्र मोदी के साथ होगा।

मोदी समर्थकों का अस्तित्व संकट में क्योंकि मसीहा मोदी के गिरने वाले हैं वोट

मसीहा के रूप में मोदी के मंसूबे कामयाब रहे तथा वाजपेई के अधिकतम वोट की तुलना में उन्होंने 5-7 प्रतिशत अधिक वोट जीते। लेकिन वर्तमान स्थिति के हिसाब से संतुलन बिगड़ सकता है।

मत-विमत

आसिम मुनीर के दिमाग में क्या चल रहा है?

कश्मीर में जो सामान्य स्थिति बहाल हुई है उसे, मुनीर के मुताबिक, उलटना जरूरी था. पहलगाम कांड की तैयारी उनके भाषण और इस हमले के बीच के एक सप्ताह में तो नहीं ही की गई, इसमें कई महीने नहीं तो कई सप्ताह जरूर लगे होंगे.

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राजनीति

देश

पुलिस ने मुंबई में एक महीने के लिए पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया

मुंबई, 10 मई (भाषा) पुलिस ने शनिवार को मुंबई में 11 मई से नौ जून तक पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.