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Thursday, 6 February, 2025
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खट्टर की टिप्पणी के बाद याद करें क्या कह गए प्रेमचंद और सरोजिनी नायडू 

प्रेमचंद के उत्तर प्रदेश और सरोजिनी के भारत ने इन सत्तर सालों में कितना लंबा सफ़र तय कर कर लिया है! हमारा भावनात्मक पतन कितना अधिक हो चुका है!

एक दिगंबर जैन मुनि हरियाणा विधानसभा में बोल सकते हैं पर मुस्लमान खुले में नमाज़ नहीं पढ़ सकते ?

मुख्यमंत्री खट्टर की टिप्पणियों ने संयुक्त हिन्दू संघ समिति के विचारों को दोहराया है, जिसके उग्र लोग हालिया हफ़्तों में नमाज में बाधा डालते रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का संकट दिखाता है राजनीतिक और न्यायिक अराजकता की कड़वी सच्चाई

कांग्रेस उतावली है, सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश पारदर्शी नहीं हैं और नैतिक आवाजें स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं।

राहुल गाँधी से 15 मिनट की डिबेट में साबित हो जाएगा कि मोदी के बल्ले में नहीं विराट कोहली वाला दम

मोदी आत्मभाषण में तो अच्छे वक्ता हो सकते हैं लेकिन वे बिना लिखे हुए किसी भी भाषण में काफी खराब हैं

असंवैधानिक या मुस्लिम विरोधी नहीं है नमाज़ पर खट्टर की टिप्पणी

खट्टर कमेटी की टिप्पणी का विरोध न करने पर विपक्ष को राजनीतिक आवाज बुलंद करने का मौका मिल गया है लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति अन्य मौकों की तलाश में है.

महिलाओं को छोटे बाल कटवाने के लिए पुरुषों की तुलना में अधिक शुल्क क्यों चुकाना पड़ता है

'मूल्य की समानता' शताब्दी के एक अंतिम नारीवादी नारा के रूप में है। क्या हमें 'मूल्य की समानता' के लिए पूछना चाहिए। ऐसा लगता है कि पूरा खुदरा जगत हमसे ही कमाई कर रहा है।

क्या आया पहले – आर्थिक सुधार या हम आपके हैं कौन ?

हिन्दी फिल्मों में समृद्ध लोगों को कितने बुरे तरीके से प्रस्तुत किया गया था और इसके लिए नेहरूवाद को दोषी ठहराया जाता है।

वीरे दी वेडिंग : बॉलीवुड को अब समाजशास्त्र का पाठ पढ़ ही लेना चाहिए

फिल्म के ट्रेलर और गानों में महिलाओं को पुरूषों की तरह दिखाया गया है जैसे कि बॉलीवुड में दशको से पुरुषो को महिलाओ के प्रति

ईपीएफओ का रोजगार डेटा खुश तो ज़रूर कर देता है लेकिन अभी सच्चाई की जांच की है ज़रूरत

यदि संख्याएं वास्तविक हैं, तो परीक्षण में यथावत रहेंगी। इस कार्य का उद्देश्य रोजगार पर वास्तविकता प्राप्त करना है न कि प्रचार कर वाह वाही लूटना.

हमारे सैन्य इतिहास का राजनीतिकरण हुआ है, कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी के फैक्ट्स भी गड़बड़ा गए

दशकों से सैन्य इतिहास का एक बहुत ही उग्रतापूर्ण और राष्ट्रवादी संस्करण तैयार किया गया है – लेकिन राजनेताओं ने तो जनरलों को भी गलत तरीके से उजागर किया है । इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मोदी के भी तथ्य गड़बड़ा गए

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हलाल सर्टिफिकेशन एक बढ़ती धोखाधड़ी है, यह मुसलमानों के लिए एक अलग अर्थव्यवस्था बना रहा है

हर चीज़ को हलाल और हराम के द्विआधारी में क्यों बदल दिया जाना चाहिए? यह पॉप इस्लाम है - छद्म-इस्लामिक शक्ति धर्मशास्त्र द्वारा संचालित नकली धर्मनिष्ठा, जो दुनिया को भड़कीले हरे रंग में रंगना चाहती है.

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भारतीय, दक्षिण एशियाई विमानन कंपनियों के 20 वर्षों में 2,835 विमान जोड़ने की उम्मीद: बोइंग

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) अमेरिकी विमान विनिर्माता बोइंग ने कहा कि भारतीय और दक्षिण एशियाई विमानन कंपनियों के अगले 20 वर्षों में...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.