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Sunday, 28 April, 2024
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बांग्लादेश में पनपते अतिवाद से दुनियाभर में बांग्लादेशी शर्मिंदा

जिस बांग्लादेश ने पाकिस्तान का विरोध इसलिए किया कि वह एक सेक्युलर देश होना चाहता था, वही अब धार्मिक उन्मादियों और जिहादियों को पैदा कर रहा है.

लालू थे विपक्षी एकता की मजबूत कड़ी जिसपर चारा-घोटाला की काली छाया मंडराई

चूंकि अधिकतर क्षेत्रीय दलों में पीढ़ीगत बदलाव आ रहा है, लालू इन दलों की एकता की चाबी हो सकते हैं. यदि वह कोर्टे के ही मामलों में उलझे रहे, तो यह भाजपा को दी जा रही विपक्षी चुनौती को प्रभावित करेगा.

सलमान और उनके साथियों के लिए बदसूरत या प्रतिभाहीन होना भंगी होने के बराबर है

यदि आप 2017 के जातिवाद को 2018 में ले जाने पर आमादा नहीं हों, तो यह शायद एक अच्छा समय है कि आप भंगी शब्द का उच्चारण करना बंद कर दें- याशिका दत्त

मैंने किस तरह चारा घोटाला और लालू प्रसाद यादव पर बजायी घंटी: अमित खरे

लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या मुझे अपने परिवार की सुरक्षा और करियर के लिए डर नहीं लगा? अमित खरे, जिन्होंने किया था चारा घोटाले का पर्दाफाश.

मामला कुछ भी हो, रसूख वाले बच निकलते हैं : प्रशांत भूषण

टू-जी घोटाला एक ऐसा मामला था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद न केवल सभी लाइसेंस रद्द कर दिए बल्कि अदालत की निगरानी में सीबीआइ जांच का भी आदेश दिया था

2जी पर फैसले के बाद डीएमके अब भाजपा के लिए अछूत नहीं रही

यह फैसला द्रमुक के काडरों को उत्साहित करने और स्टालिन को स्थापित करनेवाला है, खासकर अन्नाद्रमुक में बढ़ते भ्रम को अगर देखें.

2जी पर फैसला यदि पहले आता, गुजरात चुनाव के नतीजे कुछ अलग ही होते

पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय और भाजपा को देश से माफी मांगने की जरूरत है, कांग्रेस प्रवक्ता कहते हैं.

तेरा हंगामा बनाम मेरा हंगामा- संसदीय कार्यप्रणाली का नया सिद्धांत

जो नेता कल तक संसदीय कार्य में बाधा को जायज़ ठहराते थे, उन्हीं नेताओं ने फैसला लिया कि उनका रुख इस बात से तय होगा कि किस कुर्सी पर बैठे हैं.

भाजपा की नींदें उड़ा सकते हैं आक्रामक जिग्नेश और अल्पेश

जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर जैसों का विधानसभा में प्रवेश और कांग्रेस के पुराने दिग्गजों की अनुपस्थिति एक नयी गत्यात्मकता (डायनैमिक्स) को पैदा कर सकती है.

भड़काऊ और जातिवादी हार्दिक पटेल नहीं हो सकते जन-जन के नेता

पाटीदार नेता का एजेंडा खतरनाक और सीमित है. हार्दिक पटेल उपमहाद्वीप के उन भड़काऊ नेताओं की सूची में आ गए हैं, जिन्होंने किसी नस्लीय,...

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BJP मुकाबले में सबसे आगे, फिर भी चुनावी मुद्दा तय करने में Modi को डर क्यों

‘लहर’ वाले चुनाव के दौरान मतदाताओं का उत्साह चरम पर होता है. एक बेहतर भविष्य की उम्मीदें रहती हैं, कभी-कभी प्रतिशोध का भाव भी रहता है. इन सबके मद्देनज़र 2024 का चुनाव अप्रत्याशित रूप से मुद्दा विहीन चुनाव नज़र आ रहा है.

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अक्टूबर-दिसंबर में 448 अवसंरचना परियोजनाओं की लागत 5.55 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) सरकार ने बताया कि 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक के निवेश वाली 448 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.