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Thursday, 9 May, 2024
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एससी-एसटी-ओबीसी उम्मीदवारों का कट ऑफ सामान्य वर्ग से ज़्यादा क्यों है

सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों की वजह से भ्रम फैला है, इसलिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के ज़्यादा नम्बर मिलने के बाद भी अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के जज मामलों से अलग होने या नहीं होने को लेकर अपनी सुविधानुसार नैतिक मानदंड तय करते हैं

मुख्य न्यायाधीश गोगोई समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. पर जब सचमुच में उन्हें किसी मामले से हटना चाहिए होता है, तब वे इनकार कर देते हैं.

बांग्लादेश की तरक्की, अमित शाह के अवैध प्रवासियों के ‘दीमक’ वाले बयान का मुंहतोड़ जवाब है

बांग्लादेशी घुसपैठ को बीजेपी अध्यक्ष देश की प्रमुख समस्या मानते हैं. लेकिन बांग्लादेश ने अगर इसी तरह भारत से दोगुनी रफ्तार से तरक्की करना जारी रखा, तो घुसपैठ अपने आप बंद हो जाएगी.

अब्दुल्ला और महबूबा कभी ‘भारत समर्थक मुख्यधारा’ में नहीं रहे, लेकिन खुलेआम विरोध भी नहीं किया

यदि संविधान की नाममात्र की शपथ लेना भारत समर्थक होने का प्रतीक है, तो फिर तो विधायक बनने पर हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने भी ऐसी शपथ ली थी.

आरे मामला: अदालत का हस्तक्षेप देखने में अच्छा है मगर नीयत का सच्चा नहीं

संविधान के सहारे चलने वाले लोकतंत्र में अदालत का काम लोगों को सरकार की ज्यादती, बहुसंख्यकवाद की जकड़ और जनमत के दबाव से बचाना होता है.

राष्ट्रवाद, मॉब लिंचिंग और शरणार्थी समस्या पर कांशीराम के विचार

उत्तर भारत में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे कांशीराम का 9 अक्टूबर को 13वां परिनिर्वाण दिवस है. राष्ट्र आज जिन सवालों से जूझ रहा है, उन पर वे किस तरह सोचते थे.

सहमति-अहसमति और राजनीति के किन्तु-परन्तु के बीच विदेश में भी एसपीजी सुरक्षा को रखना होगा साथ

केन्द्र सरकार ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिये दिशा-निर्देश तैयार किये हैं. इनके अंतर्गत एसपीजी सुरक्षा कवच प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति के लिये विदेश यात्रा के दौरान भी एसपीजी सुरक्षा कर्मियों को साथ ले जाना होगा.

दलित राजनीति का सूत्रपात करने वाले दिग्गज नेता कांशीराम की दास्तान

अपने समर्थकों के लिए कांशीराम भीमराव आंबेडकर के अवतार थे लेकिन उनके आलोचक उन्हें फासीवादी जातिवादी के सिवा और कुछ नहीं मानते थे.

तो क्या आज आ रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम में फिर दौड़ेगा भाजपा का डबल इंजन

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मुंबई से शुरू हुआ विधानसभा चुनावों का सिलसिला देश के कई राज्यों तक चला और तकरीबन हर राज्य में भाजपा का डबल इंजन का नारा भी गूंजा.

उत्तर प्रदेश में विपक्षी नेता मायावती नहीं, अखिलेश यादव हैं

मायावती ने बीजेपी की नीतियों के प्रति नरमी दिखाकर मुसलमानों को सपा की तरफ जाने को मजबूर कर दिया है, जिनका रुझान पहले भी सपा की तरफ ही था. यूपी में सपा ही प्रमुख विपक्षी दल है.

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बीच चुनाव में पलट रही है बाज़ी, तीसरे चरण तक बीजेपी 272 से नीचे खिसकी

दूसरे चरण की तरह, 2024 के लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की समस्या यह है कि उसके पास बचा के रखने के लिए बहुत सारी सीटें - कुल 93 सीटों में से 80 सीटें - हैं

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राजनीति

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देश में प्रभावी रक्षा उद्योग का माहौल बन रहा : जनरल पांडे

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को कहा कि देश में एक प्रभावी रक्षा-उद्योग का परिवेश मूर्त रूप...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.