scorecardresearch
Monday, 20 May, 2024
होममत-विमत

मत-विमत

एनआरसी मामले में क्या करेगा फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल, खुद बना हुआ है सरकार की कठपुतली

फॉरेनर एक्ट, 1946 की धारा 3 में स्पष्ट प्रावधान है कि केंद्र सरकार आदेश द्वारा विदेशियों के भारत में प्रवेश को निषिद्ध या विनियमित या प्रतिबंधित कर सकती है.

आइए ग्रेटा थनबर्ग पर निहाल हों ताकि सानंद को भूला जा सके, सत्ता भी यही चाहती है, सब यही चाहते हैं

ग्रेटा का गुणगान चौतरफा है और होना भी चाहिए, आखिर उन्होंने दुनिया के लाखों स्कूली बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बना दिया.

एससी-एसटी-ओबीसी उम्मीदवारों का कट ऑफ सामान्य वर्ग से ज़्यादा क्यों है

सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों की वजह से भ्रम फैला है, इसलिए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के ज़्यादा नम्बर मिलने के बाद भी अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के जज मामलों से अलग होने या नहीं होने को लेकर अपनी सुविधानुसार नैतिक मानदंड तय करते हैं

मुख्य न्यायाधीश गोगोई समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. पर जब सचमुच में उन्हें किसी मामले से हटना चाहिए होता है, तब वे इनकार कर देते हैं.

बांग्लादेश की तरक्की, अमित शाह के अवैध प्रवासियों के ‘दीमक’ वाले बयान का मुंहतोड़ जवाब है

बांग्लादेशी घुसपैठ को बीजेपी अध्यक्ष देश की प्रमुख समस्या मानते हैं. लेकिन बांग्लादेश ने अगर इसी तरह भारत से दोगुनी रफ्तार से तरक्की करना जारी रखा, तो घुसपैठ अपने आप बंद हो जाएगी.

अब्दुल्ला और महबूबा कभी ‘भारत समर्थक मुख्यधारा’ में नहीं रहे, लेकिन खुलेआम विरोध भी नहीं किया

यदि संविधान की नाममात्र की शपथ लेना भारत समर्थक होने का प्रतीक है, तो फिर तो विधायक बनने पर हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने भी ऐसी शपथ ली थी.

आरे मामला: अदालत का हस्तक्षेप देखने में अच्छा है मगर नीयत का सच्चा नहीं

संविधान के सहारे चलने वाले लोकतंत्र में अदालत का काम लोगों को सरकार की ज्यादती, बहुसंख्यकवाद की जकड़ और जनमत के दबाव से बचाना होता है.

राष्ट्रवाद, मॉब लिंचिंग और शरणार्थी समस्या पर कांशीराम के विचार

उत्तर भारत में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे कांशीराम का 9 अक्टूबर को 13वां परिनिर्वाण दिवस है. राष्ट्र आज जिन सवालों से जूझ रहा है, उन पर वे किस तरह सोचते थे.

सहमति-अहसमति और राजनीति के किन्तु-परन्तु के बीच विदेश में भी एसपीजी सुरक्षा को रखना होगा साथ

केन्द्र सरकार ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिये दिशा-निर्देश तैयार किये हैं. इनके अंतर्गत एसपीजी सुरक्षा कवच प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति के लिये विदेश यात्रा के दौरान भी एसपीजी सुरक्षा कर्मियों को साथ ले जाना होगा.

दलित राजनीति का सूत्रपात करने वाले दिग्गज नेता कांशीराम की दास्तान

अपने समर्थकों के लिए कांशीराम भीमराव आंबेडकर के अवतार थे लेकिन उनके आलोचक उन्हें फासीवादी जातिवादी के सिवा और कुछ नहीं मानते थे.

मत-विमत

वीडियो

राजनीति

देश

मालीवाल पर हमला वरिष्ठ वकील को राज्यसभा भेजने की केजरीवाल की इच्छा से जुड़ा है: भाजपा

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक वरिष्ठ वकील...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.