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Sunday, 23 November, 2025
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मोदी और शाह को चुनाव जीतने में भले महारत हासिल हो, मगर उनका काम राजनाथ और गडकरी के बिना चल नहीं सकता

कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को शांत करने की मोदी सरकार की रणनीति पर्दे के पीछे से तैयार करने में जुटे हैं राजनाथ सिंह

भारत बंद- देश ऐसे संवैधानिक ‘ग्रे जोन’ में जा रहा है जहां सही और गलत का फैसला राजनीति करती है

कोई भी पक्ष संविधान का अक्षरश: पालन नहीं कर रहा है और भारत तेज़ी के साथ एक ऐसे नियम विहीन ज़ोन में दाखिल हो रहा है जहां कानून का नियम किसी भी चीज़ का मापदंड नहीं रह गया है.

इटली के महान विचारक मैकियावेली के ग्रंथ ‘द प्रिंस’ से राहुल गांधी के लिए पांच सबक

कांग्रेस के 23 नेताओं के समूह ‘जी-23’ की बगावत और अहमद पटेल के निधन के बाद राहुल गांधी निक्कोलो मैकियावेली के 16वीं सदी के ग्रंथ ‘द प्रिंस’ से राजनीति के कुछ सबक ले सकते हैं. 

स्मृति ईरानी के नक्शेकदम पर नहीं है कंगना रनौत बल्कि वो ‘दबंगई’ की राह पर चल रही हैं

कंगना रनौत, आप उन लोगों जैसा ही बन चुकी हैं जिनसे कि आप नफरत करती हैं. आत्मसंतुष्टि और आत्मश्लाघा से परिपूर्ण.

किसानों की समस्या कमाई है, कीमत नहीं, समाधान कारखाने लगाने में है

समाधान खेतों में नहीं मिलेगा, कारखानों में मिलेगा. अगर कृषि में कम लोग लगे होते तो उसमें लगे लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ जाती और किसानों को अपनी पैदावार की कीमत को लेकर चिंता कम हो जाती.

बीते 20 सालों में लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के पूछे गए सवालों में से मात्र 5% में किसानों का जिक्र

भविष्य के लिए, राजनीतिक दलों को इस केंद्रीय प्रश्न को संबोधित करने की आवश्यकता है कि किसानों के साथ एकजुटता का दावा करते वक्त वे किसका प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं, और वे इन किसानों के लिए क्या कुछ करने को तैयार हैं?

किसान आंदोलन मोदी सरकार की परीक्षा की घड़ी है. सौ टके का एक सवाल -थैचर या अन्ना किसकी राह पकड़ें ?

मोदी चाहें तो आर्थिक सुधारों से अपने कदम उसी तरह वापस खींच सकते है जिस तरह मनमोहन सिंह ने अन्ना आंदोलन के दबाव में खींचे थे, या फिर कृषि सुधारों को मारग्रेट थैचर जैसे साहस के साथ आगे बढ़ा सकते हैं; उनके फैसले पर ही देश की राजनीति की आगे की दिशा तय होगी.

मनमोहन सिंह ने अन्ना आंदोलन को समझने में भारी गलती की और यही गलती मोदी किसानों के मामले में दोहरा रहे हैं

किसानों का आंदोलन पंजाब भर तक सीमित नहीं, इसे सिर्फ एमएसपी से जोड़कर देखना या बिचौलियों का आंदोलन कहकर खारिज करना ठीक नहीं. किसानों की तकलीफ ज्यादा बड़ी और गहरी है

ज़रूरी सैन्य उपकरण लीज़ पर लेना सरकार के लिए आसान रास्ता है लेकिन भारतीय बलों के लिए एक कठिन चुनाव है

लीज़िंग एक स्वागत योग्य क़दम है, लेकिन रक्षा प्रतिष्ठान में बहुत से लोग हैं, जिन्हें डर है कि ये एक दोधारी तलवार है.

1971 में बुरिंदा की लड़ाई एक मिसाल है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को किस तरह पहले दिमागी शिकस्त दी थी

मैं सभी सैनिकों को निजी तौर पर पहचानता था, कहीं किसी से कोई डर नहीं था, तैयारी बिलकुल दुरुस्त थी और हौसले बुलंद थे.

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तेजस को श्रद्धांजलि, भारत का देरी वाला कल्चर ही आसमान में असली दुश्मन है

तेजस एक बेहतरीन, कम कीमत वाला और ज़्यादातर देश में बना हुआ लड़ाकू विमान है, जिसका सुरक्षा रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा रहा है. पिछले 24 साल में इसके सिर्फ दो हादसे हुए हैं, लेकिन ताज़ा हादसे के बाद इसका आत्म-विश्लेषण ज़रूरी हो जाता है.

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झारखंड : किशोरी के साथ दुष्कर्म, नाबालिग मित्र सहित चार गिरफ्तार

पाकुड़, 22 नवंबर (भाषा) झारखंड के पाकुड़ जिले में 17 वर्षीय एक लड़की के साथ उसके नाबालिग ब्वॉयफ्रेंड और उसके तीन दोस्तों ने कथित...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.