अब समझदार, उदारवादी आवाज़ों पर निर्भर है कि वह इस विभाजनकारी बयानबाजी से ऊपर उठें और सच्चाई और सुलह के रास्ते पर चलें, जो पुराने जख़्मों को कुरेदने के बगैर मरहम तक जाता हो.
आपने मुद्दे की बात की है. सरकार नियमित कर्मचारियों की जगह कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को छुट्टी आदि के प्रावधानों के साथ बहाली करके लागत काफी घटा सकती है, लेकिन क्या हम चुनावों, जनगणना, राहत तथा आपदा प्रबंधन के काम को ठेके पर करवा सकते हैं.
भारतीय राजनीति का भविष्य अब राज्य-केंद्रित समीकरणों के मुताबिक, खुद को ढालने और मतदाताओं के साथ निरंतर करीबी संपर्क बनाए रखने की राजनीतिक दलों की क्षमता पर निर्भर करेगा.
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मणिपुर में डबल इंजन वाली सरकार होने का दावा करती है, लेकिन उसने राज्य या देश को यह भरोसा दिलाने के लिए कुछ नहीं किया है कि मणिपुर महत्वपूर्ण है.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .