1967 से, इज़राइल इस इलाके में सैन्य रूप से हावी रहा है, लेकिन इससे इज़राइली लोग सुरक्षित नहीं हो सके, जैसा कि अक्टूबर 2023 में हमास के हमलों में देखने को मिला.
भारत को यह मंजूर नहीं है कि उसका मित्र अमेरिका इस क्षेत्र को भारत-पाकिस्तान के चश्मे से देखे. इससे भारत के प्रभाव क्षेत्र की पुष्टि नहीं होती, उसकी अहमियत कम हो जाती है.
बिराज अधिकारी ने 1956 में चोग्याल के नई दिल्ली दौरे को ‘राजकीय दौरा’ बताने और उनके स्वागत में सिक्किम का राष्ट्रगान बजाने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय को दोषी ठहराया है. उनकी किताब उनकी पीढ़ी की कई दुविधाओं का जिक्र करती है: क्या सिक्किमी लोग सचमुच पूर्ण भारतीय नागरिक हैं, खासकर अनुच्छेद 371-एफ के मद्देनजर?
चीनी नरसंहार, ज़ूट सूट पिटाई, वॉट्स हिंसा और रॉडनी किंग दंगे यह दिखाते हैं कि लॉस एंजेलिस हमेशा अमेरिका में नस्ली स्वीकार्यता की परीक्षा की ज़मीन रहा है.
पाकिस्तान दोहरा खेल खेलने में माहिर रहा है, जैसा उसने 2001 और 2021 में अमेरिका के साथ खेला था. वह मामले को गरम रखने के लिए छद्म युद्ध को सावधानी से दूसरा रूप दे सकता है.
संवेदनशील क्षेत्रों के पास ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ की घोषणा को अधिसूचित करने और दंडनीय अपराध बनाने की ज़रूरत है जिनके उल्लंघन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भारी दंड दिया जा सके.
लेकिन भारत के लिए असली संघर्ष कश्मीर की जनता को भारत के लक्ष्यों में सुरक्षित, समृद्ध सहयोगी बनाने का है. नई ट्रेन की हर एक यात्रा हमें इस उद्देश्य के निरंतर करीब लाती जाएगी.
चीन भारत को अपने ‘त्रिशूल’ से दबाने के लिए पाकिस्तान का सस्ते में इस्तेमाल करता रहा है. यह मान लेना मुफीद होगा कि चीन पाकिस्तान को अब अपने पश्चिमी थिएटर कमांड के रूप में देखता है.
जब ऊपरी आदेश से बाध्य शिक्षक ही छात्रों को इस या उस नारे पर प्रोजेक्ट और शोध लिखवाते हैं—तो बेचारे छात्रों को कैसे गुमान हो कि उन्हें महज पार्टी प्रोपेगेंडा का शिकार बनाया जा रहा है?
समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता ऐसे शब्द हैं जिन्हें भाजपा नेता न पूरी तरह अपनाना चाहते हैं और न ही खुले तौर पर नकार पा रहे हैं. इसी उलझन की वजह से पार्टी अब इन विचारों का अपना मतलब गढ़ने की कोशिश कर रही है और वह भी थोड़े अटपटे और बेतुके तरीके से.