29 जुलाई 2018 को लोकसभा में मानव तस्करी (रोकथाम,पुनर्वास,संरक्षण) विधेयक 2018 पारित हो गया था. अब इस विधेयक को मौजूदा शीतकालीन सत्र मे राज्यसभा में पास कराए जाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है.
पाकिस्तान में और भारत में भी सबको पता था कि सवाल यह नहीं था कि हमले किए जाएंगे या नहीं बल्कि यह था कि वह कब किए जाएंगे. मोदी सरकार ने इन 14 दिनों का इस्तेमाल यह जताने के लिए किया कि उसे कोई हड़बड़ी नहीं है.