नीतियां ज़मीनी वास्तविकताओं की समझ वाले विशेषज्ञों द्वारा, पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद बनाई जानी चाहिए. नेताओं को चाहिए कि वे इनकी जिम्मेदारी लें और समय रहते बदलावों के बारे में कारोबारियों को सूचित करें.
1925 में प्रकाशित गांधी की आत्मकथा बचपन से सार्वजनिक जीवन तक की कथा कहती है, लेकिन स्त्री-संसर्ग, ब्रह्मचर्य और नैतिक संघर्षों पर उनके आत्मस्वीकार एक अलग, असहज गांधी को सामने लाते हैं.
रतलाम/भोपाल/इंदौर, 14 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए संचालित 'लाड़ली बहना योजना' की हितग्राहियों की जांच को लेकर काबीना मंत्री विजय...