आईसीएमआर और आयुष मंत्रालय ने कैंसर और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित लगभग 30 'प्राथमिकता' वाली बीमारियों की पहचान की है. लेकिन विशेषज्ञों का मत 'एकीकृत स्वास्थ्य सेवा' की प्रभावकारिता पर अलग-अलग हैं.
बुजुर्गों में स्किन संबंधी समस्या का कारण दवाओं की साइड इफेक्ट, उम्र से जुड़ी दिक्कतें और खराब जीवनशैली आदि है. वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के लिए किसी अच्छे त्वचा विशेषज्ञ से जरूर मिलें.
ओज़ेम्पिक जैसी मोटापे की दवाएं वैश्विक स्तर पर हिट रही हैं, लेकिन फैट के साथ-साथ मांसपेशियों का नुकसान चिंता का विषय है. अब, HS235 नामक एक आशाजनक नई दवा ने डॉक्टरों को उत्साहित कर दिया है.
इसमें निरीक्षण की कमी और सख्त रेगुलेशन नहीं होने के चलते यह कई बार मरीज को गंभीर जोखिम में डाल देता है. इसमें कई प्रकार की जटिलता है जिसके चलते कई सर्जिकल समस्या और मरीज मृत्यु भी हो सकती है.
आदेश में कहा गया है कि इन उपायों का उद्देश्य संक्रमित परिसर से 1 किलोमीटर के दायरे को कवर करते हुए प्रभावित क्षेत्र में एएसएफ को रोकना, नियंत्रित करना और खत्म करना है.
इन केंद्रों के लिए बुनियादी ढांचे, उपकरण, कर्मियों, रोगियों की सुरक्षा और मानक उपचार प्रोटोकॉल से संबंधित मानदंडों को परिभाषित करने के लिए पैनल स्थापित किए गए हैं.
प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका द लैंसेट में छपी एक रिसर्च में दावा किया गया है कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को मानसिक अवसाद, उदासी और चिंता जैसी समस्याओं से अधिक जूझना पड़ रहा है.
WHO और UNICEF के सहयोग से लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए गए रिसर्च में कहा गया है कि एक दशक में भारत में समय से पहले जन्म के प्रतिशत में बहुत कम अंतर आया है.
नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एससीजीएमसीएच) में 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच एक से दो दिन के 12 शिशुओं सहित चौबीस मरीजों की मृत्यु हो गई.
आईसीएमआर वैज्ञानिक का कहना है कि टाइफाइड का निदान करने के लिए मौजूदा परीक्षण 'बहुत विश्वसनीय नहीं' हैं. भारत में हर साल टाइफाइड के लगभग 45 लाख मामले सामने आते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.