केरल ने जेएन.1 का पहला मामला दर्ज किया है, जो ओमिक्रॉन का वैरिएंट है और जिसका उत्परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक बनाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जेएन.1 चिंता बढ़ाने वाला नहीं है, लेकिन भारत को राष्ट्रव्यापी सीरोसर्वेक्षण कराने की जरूरत है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े शोधकर्ताओं ने इसका ट्रायल किया. निष्कर्षों से पता चलता है कि 45% रोगियों में इलाज में सुधार किया जा सकता है और जोखिम में पड़े हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2022 में दुनिया भर में खसरे की घटनाओं में 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2021-2022 के दौरान अनुमानित खसरे से होने वाली मौतें 43% बढ़कर 95,000 से 1,36,200 हो गईं.
VLA1553, जिसे व्यावसायिक रूप से Ixchiq के नाम से जाना जाता है, को USFDA की मंजूरी मिल गई है और अब इसे भारत में लॉन्च किया जाएगा. जहां बड़ी संख्या में चिकनगुनिया के मामले देखे गए हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि बेमतलब की फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेश पर अंकुश को लेकर सरकार के कदम अपर्याप्त और अमल में लाने को लेकर नाकाफी हो सकते हैं. यह अध्ययन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल पॉलिसी एंड प्रैक्टिस में प्रकाशित हुआ है.
यह निर्देश 2022 में एक मरीज द्वारा दायर याचिका पर आया है जिसमें केरल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग करते हुए सरकार से कैंसर की एक गंभीर दवा की कीमत कम करने में मदद करने का आग्रह किया गया है. मामले के दौरान उसकी मौत हो गई.
काउंसलिंग के 3 राउंड के बाद, अखिल भारतीय कोटे के तहत 862 एमएस, एमडी और डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) सीटें खाली हैं, राज्य कोटे के तहत 583 सीटें खाली हैं. अब सरकार चौथे दौर की काउंसलिंग पर विचार कर रही है.
डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाने में N-95 मास्क और एयर प्यूरीफायर की सीमित भूमिका हो सकती है. उनका कहना है कि व्यक्तिगत और नीतिगत स्तर पर उपायों की अत्यंत जरूरत है.
शशि थरूर का कांग्रेस की समस्याओं को लेकर किया गया विश्लेषण, आकलन और समाधान तीनों बिल्कुल सही थे, लेकिन कांग्रेस कार्य समिति में राहुल गांधी और उनके करीबी लोग इससे काफी असहज नज़र आए.