दिल्ली, आंध्र, तेलंगाना, पंजाब कोविशील्ड का इस्तेमाल करेंगे जबकि छत्तीसगढ़ ने कोवैक्सीन की प्रभावकारिता पर सवाल उठाए हैं. सरकार का कहना है कि टीके मानकों को पूरा करने के बाद मंजूर किए गए हैं.
अध्ययन में पता चला है कि जिन्हें कोविड-19 का संक्रमण पहले हो चुका है वह कम से कम पांच महीनों के लिए प्रतिरोधक क्षमता रहती है लेकिन इसके बावजूद स्वस्थ हुए रोगी वायरस के वाहक बन सकते हैं.
पहले चरण में, मोदी सरकार 4 प्राथमिकता समूहों में 30 करोड़ लोगों को शामिल करेगी, जिनमें स्वास्थ्य सेवा, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और कोमॉर्बिड मामले शामिल हैं.
कुछ डॉक्टरों को टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता को लेकर आशंकाएं हैं लेकिन उनका कहना है कि अभी इस बारे में जानकारी और जागरूकता अभियान वक्त का तकाजा है.
आईआईटी मद्रास के रिसर्चर्स की स्टडी से पता चलता है, कि हवा में तैर रहे वायरसों के, ऐसे लोगों के फेफड़ों में जमा होने का ज़्यादा ख़तरा होता है, जो धीमे सांस लेते हैं.
आरएसएस इंदिरा गांधी की सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहता था, लेकिन बाद में उसी “तानाशाह” इंदिरा गांधी से मेल-मुलाकात करने और तारीफें करने में उसे कोई नैतिक दुविधा नहीं हुई, जिन्होंने संघ के नेताओं को जेल में डाला था.